नोटबंदी के दो साल बाद देश के कई राज्यों में आए कैश संकट से उबरने के लिए आरबीआई बड़ी संख्या में 200 और 500 रुपये के नोटों की छपाई करवा रहा है, लेकिन इसी बीच नासिक नोट प्रेस में स्याही खत्म होने के कारण छपाई का रूक गया है. छापाखाना कामगार परिसंघ के अध्यक्ष जगदीश गोडसे ने दावा किया है, ‘ नासिक नोट प्रेस में नोटों को छापने के लिए जिस स्याही का इस्तेमाल होता है, उसे सरकार की ओर से आयात करवाया जाता है. ये स्याही वर्तमान समय में उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण 200 और 500 के नोटों की छपाई का काम फिलहाल रूक गया है.’ 
अगले महीने तक होनी है 75 हजार करोड़ रुपये के नोटों की आपूर्ति
उन्होंने कहा कि देश भर में नकदी की कमी की समस्या के पीछे यह भी एक कारण हो सकता है. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि नोटों की छपाई कब से बंद है. यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब सरकार ने एक ही दिन पहले 500 रुपये के नोटों की छपाई पांच गुना बढाने का आदेश दिया है ताकि अगले महीने 75 हजार करोड़ रुपये के नये नोटों की आपूर्ति की जा सके.
आरबीआई ने दी सफाई ?
कैश की किल्लत के बीच रिजर्व बैंक ने बयान जारी करते हुए साफ किया कि कैश की कोई कमी नहीं है और आरबीआई के करंसी चेस्ट्स में पर्याप्त नकदी मौजूद है. आरबीआई ने बताया कि नोटों को छापने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है. हालांकि, कुछ इलाकों में कैश को पहुंचाने में आने वाली दिक्कतों के कारण नकदी संकट से निपटने में कुछ दिन लग सकते हैं. रिजर्व बैंक ने कहा कि कुछ हिस्सों में ATMs में कैश पहुंचाने में कुछ समय लग सकता है. साथ ही कई ATMs मशीनों में नए नोटों के लिए रीकैलिब्रेशन की प्रक्रिया अभी भी जारी है.
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