नागरिकता संशोधन विधेयक को चर्चा के लिए पेश करेगी मोदी सरकार शीतकालीन सत्र में

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। इस दौरान मोदी सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक को चर्चा के लिए पेश करेगी। माना जा रहा है कि इसे लेकर यह सत्र हंगामेदार होगा, क्योंकि कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर पहले ही विरोध जताया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई सभाओं के दौरान भी नागरिकता कानून में संशोधन की बात कर चुके हैं। इस कानून के विरोध में सबसे मुखर आवाज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की है। वे पहले से ही पश्चिम बंगाल में एनआरसी को लागू करने से इनकार करती रही हैं।

इस विधेयक के पास होने से वर्तमान कानून में बदलाव आएगा। जानिए, इसका फायदा किसे मिलेगा और देश में रह रहे करोड़ों लोगों पर इसका क्या असर होगा।

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च (PRS Legislative Research) के अनुसार, नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 को 19 जुलाई 2016 को लोकसभा में पेश किया गया था।

12 अगस्त 2016 को इसे संयुक्त संसदीय समिति को सौंप दिया गया था। समिति ने इस साल जनवरी में इस पर अपनी रिपोर्ट दी है। अगर यह विधेयक पास हो जाता है, तो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के सभी गैरकानूनी प्रवासी हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई भारतीय नागरिकता के योग्य हो जाएंगे।

 

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