नागरिकता संशोधन कानून पर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी के हॉस्टिल में पुलिस की कार्रवाई पर सोमवार को कई विश्वविद्यालयों में पुलिस और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए. कई राजनेताओं के बयानों पर भी बबाल मचा है, वहीं अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है.
उत्तराखंड में भी सोमवार को कुछ छात्र संगठनों ने भी पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया. बीते दिन हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शन के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी देशवासियों से अपील है कि नागरिकता संशोधन कानून पर किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है, इस कानून से नागरिकता दी जा रही है, किसी की नागरिकता वापस नहीं ली जा रही है.
सीएम ने कहा कि यह एक तरह का वैमनस्य खड़ा किया जा रहा है, जो अच्छा नहीं है, जिस तरह से जिम्मेदार लोगों ने इस पर बयानबाजी की है वो अत्यंत दुखद है. उन्होंने कहा कि ऐसे मौकों पर जब बहुत पहले 1971 से घुसपैठ पर बात उठी थी उसको लेकर नॉर्थ ईस्ट में सरकारें भी बनीं, इस कानून को लेकर जानकारी और जागरुकता की जरूरत है, गलत भ्रम पैदा करने की जरूरत नहीं है.
मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों से अपील की और कहा कि उत्तराखंड एक शांत प्रदेश है और यहां शांति बनाए रखने में अपना योगदान देते रहें, किसी भी बहकावे में न आएं.