नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर ट्रेनों को रोक रहे हैं, उनमें तोड़फोड़ कर रहे हैं जिसके कारण रेलवे को 88 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बंगाल में रेलवे को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। शनिवार को रेलवे ने जोन वार अपने नुकसान का ब्यौरा दिया।
भारतीय रेलवे का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान उसे 88 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। जिसमें से पूर्वी रेलवे जोन में 72 करोड़, दक्षिण पूर्व रेलवे जोन में 13 करोड़ और नॉर्थईस्ट फ्रंटियर जोन में तीन करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। रेलवे सुरक्षा बल के डीजी अरुण कुमार ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल सबसे बदतर है क्योंकि यहां बड़े पैमाने पर पूर्वी रेलवे है और केवल यहां 72 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।’
उन्होंने कहा, ‘बंगाल में सबसे ज्यादा हावड़ा, सीलदह और माल्दा प्रभावित रहे। यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नागरिकता कानून के खिलाफ रैली के बाद रेलवे की संपत्ति पर तेजी से हमला किया गया। चीजें अब बेहतर हैं। ममता की रैली के बाद हिंसा हुई। उसके बाद किसी तरह की कोई हिंसा नहीं हुई।’
रेलवे ने हिंसक घटनाओं को लेकर 85 एफआईआर दर्ज की हैं। जिसमें उसके एक दर्जन कर्मचारी घायल हो गए थे। कुमार ने कहा, ‘ऐसे लोग हैं जिनकी पहचान हिंसा के वीडियो के जरिए हुई है और हमने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।’ उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में 2200 अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।