अघोषित रूप से आवारा कुत्तों को पालना राजधानी के बागमुगलिया एक्सटेंशन स्थित आसाराम नगर रहवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। रहवासियों ने बताया कि बीते छह माह से क्षेत्र में कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। दो माह में कुत्तों ने डेढ़ दर्जन लोगों को अपना शिकार बनाया।
नगर निगम से लेकर पुलिस प्रशासन तक से मामले पर मदद की गुहार लगाई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। महात्मा गांधी की जयंती पर गांधीवादी तरीके से कुत्तों को माला पहनाई। साथ ही रैली और धरना प्रदर्शन कर अधिकारियों से सुरक्षा की मांग की।
रहवासियों ने बताया कि आसाराम नगर फेस-3 स्थित एल-181 मकान में पहले ही चार कुत्तों को पाला जा रहा है। इस मकान को मुबंई में रहने वाली डॉ.सुकन्या राय ने किराये पर लिया। खुंखार हो चुके इन कुत्तों ने कई लोगों को काटा तो कई पर झपटे भी। पहले नगर निगम फिर पुलिस से इसकी शिकायत की गई, लेकिन डॉ. सुकन्या के रौब के चलते कार्रवाई ही नहीं की गई।
रहवासियों के अनुसार डॉ. सुकन्या कुत्तों के संरक्षण के लिए एक एनजीओ चलाती है। कुत्तों के पालने के लिए ही किराए पर मकान लिया गया।
मार्निंग वॉक बंद, समूह में निकलते हैं लोग
कुत्तों के आतंक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बागमुगलिया एक्सटेंशन और आसपास के इलाकों के लोगों ने सुबह की तफरी ही बंद कर दी है। दरअसल, सुबह के समय ही कुत्तों के झुंड द्वारा लोगों पर झपटने की घटनाएं सबसे ज्यादा हुई है। उधर, स्कूली बच्चों को भी वैन तक छोड़ने के लिए रहवासी समूह में ही जाते हैं।
झुंड में घूमते हैं कुत्ते बच्चों पर भी कर चुके हमला
रहवासी नरेंद्र रघुवंशी ने बताया कि कॉलोनियों में खेलने वाले बच्चों के लिए भी आवारा कुत्ते खतरनाक साबित हो रहे हैं। करीब एक सप्ताह पहले कुत्तों के झुंड ने पांच साल के बच्चों को अपना शिकार बनाने की कोशिश की। एक बच्चे को भी काटा। मौके पर मौजूद लोगों ने कुत्तों को भगाया। वहीं शुक्रवार सुबह रुक्मणि रघुवंशी को तफरी के दौरान कुत्ते ने काट लिया।
‘हमारी सुरक्षा के मामले में कोई कुछ नहीं बोलता’
रहवासी कपिल मलिक का कहना था कि कुत्तों के कारण इतने परेशान है कि आना-जाना भी मुश्किल हो गया है। आंदोलन के माध्यम से हम जिम्मेदार अधिकारियों को चेताने का काम कर रहे हैं। टीकाकरण के बाद भी कुत्तों को काटने का अधिकार है और हमारी सुरक्षा का अधिकार पर कोई कुछ नहीं बोलता।
इस मामले का एक ऑडियो भी वायरल हुआ है। जिसमें एक महिला ने केंद्रीय गांधी मेनका गांधी के एनजीओ पीपुल्स फॉर एनिमल की यूनिट हेड व अपना नाम स्वाति गौरव बताते हुए कुत्तों को फूल व माला नहीं पहनाने की चेतावनी दे रही थी। चेतावनी देने वाले नंबर पर नवदुनिया ने बातचीत की। इस दौरान उन्होंने मेनका गांधी के एनजीओ का खुद को यूनिट हेड बताते हुए कहा कि मामले की शिकायत एसपी साउथ राहुल लोढ़ा को मेल कर की गई है। उन्होंने बताया कि आंदोलन कर रहे उमाशंकर तिवारी ने जबरन कुत्तों को माला पहनाकर पशु क्रूरता की है। जो नियमों के विरुद्ध है।
आंदोलन के बाद निगम ने भी कार्रवाई
रहवासियों ने बताया कि आंदोलन के तुरंत बाद नगर निगम हरकत में आया। दोपहर करीब 12 बजे ही निगम ने कुछ कुत्तों को पकड़ा। साथ ही टीकाकरण भी किया। रहवासियों ने बताया कि यदि ऐसी ही समस्या बनी रही तो आगे भी आंदोलन करेंगे।
राजधानी में कुत्तों से बड़ी परेशानी
शहर में कुत्तों के आतंक के कई मामले सामने आ चुके हैं। बीती फरवरी में गौतम नगर थाना क्षेत्र में डेढ़ वर्षीय बच्चों को कुत्तों ने नोंच-नोंचकर मार डाला था। बीते 29 मार्च को एक ही दिन में 150 लोग को कुत्तों ने काटा था। अरेरा हिल्स राजीव नगर में 8 वर्षीय बच्चे को कुत्तों के झुंड ने अपना शिकार बनाया था। 20 सितंबर को एयरपोर्ट रोड स्थित गोकुल धाम कॉलोनी में खेल रहे छह वर्षीय आदित्य पर कुत्तों ने हमला कर दिया और उन्हें 100 से ज्यादा कांटे लगे।