कई बार ऐसी होता है कि हम एटीएम से कैश निकालने की कोशिश करते है और कैश नहीं निलता लेकिन, हमारे पास मैसेज आ जाता है कि आपका बैलेंट कट हो गया है। ऐसे में आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है। चलिए तो पहले आप जाने की आखिर ऐसा होता क्यों हैं।
ऐसे होने के कई कारण हो सकते हैं
– हो सकता है कि एटीएम का सॉफ्टवेयर सही तरीके से काम नहीं कर रहा हो।
– दूसरा एटीएम ने सही तरीके से ट्रांजेक्शन की डीटेल नहीं ली हो।
– ये भी मुमकिन है कि उस एटीएम में कैश ही ना हो।
– कई बार ऐसा भी देखा गया है एटीएम में कार्ड स्कीमिंग मशीन लगाने की वजह से भी ऐसा होता है।
आगे बढ़ते है और जानते हैं कि जब एटीएम से स्लिप जेनरेट हो गयी और आपके अकाउंट से पैसे कटने का मैसेज भी आ गया, लेकिन एटीएम ने आपको कैश नहीं दिया तो क्या करें। आप घबराएं नहीं ये कोई फ्रॉड नहीं है। आपको अपने पैसा कुछ ही दिनों में वापस मिल जाएगा।
यदि बैंक खुद भी ये रकम वापस नहीं करता है तो कैसे बैंक से संपर्क कर सकते हैं।
कस्टमर केयर
सभी बैंकों ने इन दिनों में कस्टमर केयर की सुविधा दे रहे हैं। आप बैंक के कस्टमर केयर पर फोन करें। इसके बाद बैंक का एग्जिक्यूटिव आपसे ट्रांजेक्शन स्लिप में लिखी डीटेल मांगेगा।
शिकायत दर्ज होने के बाद आपको एक ट्रैकिंग नंबर दिया जाएगा। यदि बैंक की गलती की वजह से ऐसा हुआ है तो सात दिनों के अंदर आपका पैसा वापस मिल जाएगा।
बैंक शाखा जाए
अगर कस्टमर केयर पर फोन करने के बाद भी आपकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई तो आप बैंक की शाखा में जावकर शिकायत कर सकते हैं। इसके बाद बैंक आपकी मदद करेंगा।
शाखा के ब्रांच मैनेजर से करें मुलाकात
अगर इसके बाद भी आपके बैंक अकाउंट में पैसे वापस नहीं आते है तो अपने संबंधित बैंक के मैनेजर से संपर्क करें। बता दें कि हर बैंक में एक ग्रीवांस सेल होता है जो इस तरह के मामले पर कार्रवाई करता है। आप बैक की वेबसाइट पर जाकर इसकी शिकायत कर सकते हैं।
बैंकिंग ओम्बड्समैन से करें शिकायत
अगर इसके बाद भी आपकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है तो आप बैंकिंग ओम्बड्समैन से इसकी शिकायत कर सकते हैं। आप इस मामले में रिजर्व बैंक को ईमेल या पत्र लिखकर शिकायत कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि बैंक में शिकायत करने के 30 जिन के बाद ही आप बैंकिग ओम्बड्समैन से शिकायत कर सकते हैं।
उपभोक्ता विवाद निबटान अदालत में करें शिकायत
NCRDC (National Consumer Disputes Redressal Commission) ग्राहकों की शिकायत के समाधान के लिए न्यायिक अदालत है। उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 के तहत यह काम करता है। आप यहां भी अपनी समस्या का समाधान के लिए गुहार लगा सकते हैं।