इस साल चैत्र के नवरात्र 6 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं. नवरात्र के दौरान हर तरफ भक्तिमय माहौल रहता है. नवरात्र में कुछ माता के भक्त पूरे व्रत रखते हैं तो कुछ दो (पहला और आखिरी) व्रत रखते हैं. वहीं नवरात्र के व्रतों के दौरान सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि क्या गर्भवती महिला को व्रत रखना चाहिए कि नहीं. सबसे पहले आपको इसमें खुद का ध्यान रखने की जरूरत होती है ताकि आपको कोई परेशानी ना आये. उसके बाद सोचे कि किस तरह रखा जाये व्रत. ऐसे में आपको हम बताने जा रहे हैं कि किस तरह और किस समय रख सकती हैं.
इस समय न रखें व्रत
तीन महीने से कम का गर्भ होने पर महिला को व्रत नहीं रखना चाहिए, क्योंकि पहले तीन महीनों में ज्यादा देर तक भूखा रहने से जी मिचलाना और उल्टी की दिकक्त हो सकती है और चक्कर आने खतरा रहता है. हेल्थ एक्सपर्ट का भी मानना है कि पूरी तरह स्वस्थ होने पर ही गर्भवती महिला को नवरात्र के व्रत रखने चाहिए. इसके साथ ही व्रत रखने में कुछ सावधानियां भी बरतनी पड़ेंगी. लें अगर रखना भी है तो जान लें किन बातों का ध्यान दें.
गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखे ध्यान
1- व्रत के दौरान गर्भवती महिला हर दो घंटे में कुछ न कुछ जरूर खाएं. जिससे कि शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिलता रहे और कमजोरी न आए.
2- व्रत के दौरान अधिक से अधिक पानी पीएं जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या न हो. इसके अलावा नारियल पानी, दूध और जूस को भी पीएं.
3- गर्भवती महिला व्रत में पौष्टिक चीजें खाएं. ज्यादा तली-भुनी चीजें सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
4- व्रत में गर्भवती महिला कॉफी या चाय का सेवन न करें.
5- व्रत के दौरान गर्भवती महिला को व्यायाम या कोई भारी काम नहीं करना चाहिए.
6- गर्भवती महिला को निर्जला व्रत भी नहीं रखना चाहिए.
7- गर्भवती महिला को व्रत के दौरान बच्चे की मूवमेंट का ध्यान रखें. तकलीफ होने पर डॉक्टर से तुरंत सलाह लें.