नए शस्त्र (संशोधन) अधिनियम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिलते ही यह कानून बन गया है। छह दशक पुराने कानून के संशोधन बिल को इसी सप्ताह संसद में पारित किया गया था।
नया कानून देश में अवैध हथियारों और गोली-बारूद की रोकथाम में सरकार के लिए मददगार साबित होगा चूंकि अब इसमें अधिकतम सजा उम्रकैद होगी।
छह दशक पुराने शस्त्र कानून, 1959 को अवैध हथियारों की तस्करी रोकने में प्रभावी बनाने के लिए इसमें अवैध हथियारों के निर्माण, बिक्री, इस्तेमाल, हस्तांतरण, बदलाव, हथियारों की बिना लाइसेंस टेस्टिंग या प्रूफिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लग गया है।
नए कानून में सजा भी कड़ी कर दी गई है। अब सजा जुर्माने समेत सात साल कैद से लेकर उम्रकैद तक हो सकती है। जबकि पहले यह सजा जुर्माने के साथ तीन साल से सात साल तक कैद की ही हो सकती थी
राष्ट्रपति कोविंद ने विगत शनिवार को उस अधिनियम पर दस्तखत कर दिए जिसके तहत शस्त्र लाइसेंस की अवधि तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दी गई है।
साथ ही इलेक्ट्रानिक फार्म के जरिए शस्त्र लाइसेंस जारी करने का प्रविधान किया गया है। इसकी प्रक्रिया में बदलाव का कारण अपराधों में इस्तेमाल हो रहे अवैध हथियारों का संजाल खत्म करना है।