धूल-धुएं के साथ तेजी से बढ़ रही दमघोंटू कॉर्बन मोनोऑक्साइड गैस की मात्रा..

धूल-धुएं के साथ दमघोंटू कॉर्बन मोनोऑक्साइड गैस की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। शहरों में इसका सबसे बड़ा स्रोत स्कूटर, बाइक, कार और ट्रक समेत ऐसे वाहन हैं,जो ईधन से चलते हैं। इसके अतिरिक्त कूड़ा जलाने से भी यह गैस अधिक मात्रा में निकलती है। रात में रेड श्रेणी में रहने वाली हवा की सेहत में दिन में अधिक सुधार हुआ। यह यलो श्रेणी में चला गया। दिन की शुरुआत तो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नेहरू नगर सेंटर पर एक्यूआई 313 के साथ हुई,लेकिन शाम छह बजे यह घटकर 179 पर पहुंच गया। इसकी सबसे बड़ी वजह दिन में तेज धूप रही। धूल-धुआं के बारीक कणों की संख्या में भी कमी आ गई पर खतरनाक गैसों की मात्रा में वृद्धि हो गई। लगातार पिछले 48 घंटों से गैसों की मात्रा में वृद्धि हो रही है।

ट्रैफिक जाम बढ़ा रहा प्रदूषण

भले ही विभिन्न विभाग प्रदूषण कम करने के लिए जुट गए थे लेकिन शहर में लगने वाले जाम इनके प्रयासों पर पानी फेरते रहे। वाहनों की अधिक संख्या के कारण कार्बन मोनोऑक्साइ व ओजोन गैसों की मात्रा बढ़ गई। कूड़े के ढेरों में आग लगाने का असर भी बढ़ी गैसों में दिखा। कार्बन मोनोऑक्साइड की अधिकतम मात्रा 187 माइक्रोन प्रति घनमीटर पहुंच गई। सल्फर डाइऑक्साइड 111, ओजोन 77 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की अधिकतम मात्रा 111 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंची।

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