झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता और रघुवर सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय के टिकट पर सस्पेंस कायम है। पार्टी के अंदर और बाहर इसके लेकर विरोध देखा जा रहा है। यह वही नेता हैं जिन्होंने दो-दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को भ्रष्टाचार के मामले में जेल भिजवाने में अहम भूमिका निभाई थी।
टिकट घोषित न होने से नाराज सरयू राय ने शनिवार को बगावती तेवर दिखाते हुए घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें अब भाजपा का टिकट नहीं चाहिए। सरयू राय ने दो विधानसभा क्षेत्रों के लिए नामांकन पत्र खरीद लिया है। माना जा रहा है कि वे दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। राय ने शनिवार को साफ कर दिया कि टिकट की भीख नहीं मांग सकते। राय से जब संवाददाता सम्मेलन में भाजपा द्वारा उनके नाम की घोषणा में देरी और अनिश्चितता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘पार्टी नेतृत्व से सीट की भीख मांगना मेरे लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए मैंने उनसे मेरे नाम पर विचार नहीं करने को कहा है।’
उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि जमशेदपुर (पूर्व) सीट से चुनाव लड़ने के लिए किसी दल ने उनसे संपर्क किया है जहां से मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनाव लड़ रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार टिकट घोषणा में विलंब का कारण अपनी ही सरकार की आलोचना करना और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नजदीकी को माना जा रहा है। मुख्यमंत्री रघुवर दास और अमित शाह उन्हें पसंद नहीं करते थे। बहुत समय से वह राज्य कैबिनेट की बैठकों में भी शामिल नहीं हो रहे थे।