दो ट्रेनों के बीच जब फंस गए थे सचिन, जा सकती थी इनकी जान!

दो ट्रेनों के बीच जब फंस गए थे सचिन, जा सकती थी इनकी जान!

”सेफ्टी अलर्ट मैसेज एक्सक्लूसिवली फॉर पैसेंजर्स’ कैम्पेन के समय सचिन ने यह किस्‍सा सुनाया था.सचिन ने बताया कि उस वक्त वे बहुत घबरा गए थे और उस पल को याद कर आज भी उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं.दो ट्रेनों के बीच जब फंस गए थे सचिन, जा सकती थी इनकी जान!

सचिन ने कहा था कि उसी दिन जिंदगी में कभी रेलवे ट्रैक नहीं लांघने की कसम खा ली थी.’ सचिन ने कहा था कि इसके बाद मैंने कभी रेलवे लाइन पार नहीं की.

फ‍िर सचिन ने बताया कि हम सभी बेहद घबरा गए. तभी अपनी क्रिकेट किट नीचे फेंक दी और दोनों तरफ की पटरियों के बीच की जगह पर जैसे-तैसे घुटने टेककर बैठ गए.’ ट्रेनें गुजरने पर हमारी जान में जान आई.

सचिन ने आगे कहा था कि ‘हमें दादर में दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाना था. तब हमने रेलवे का नियम तोड़ा और पटरियां लांघने लगे. इसी दौरान सभी पटरियों पर आगे-पीछे से लोकल ट्रेनें हमारी ओर आती दिखीं.’

सचिन ने कहा था कि ‘जब मैं 12-13 साल का था तो स्कूल के बाद विले पार्ले में एक दोस्त के घर गया था. हमारी फिल्म देखने की इच्छा हुई. फिल्म देखने के बाद क्रिकेट प्रैक्टिस करने जाने के लिए हम लेट हो रहे थे.’

सचिन ने किस्‍सा सुनाते हुए कहा था कि ”इसी दौरान एक बार रेलवे ट्रैक पार करते हुए मेरी और एक दोस्त की जिंदगी खतरे में पड़ गई थी. रोंगटे खड़े कर देने वाला यह अनुभव हमेशा मुझे याद रहेगा.’

उन्होंने बताया कि कैसे एक बार दादर स्टेशन पर शॉर्टकट के चक्कर में वह दो लोकल ट्रेनों की चपेट में आते-आते बचे थे.

मास्टर बलास्टर सचिन तेंदुलकर ने बताया था कि ‘मैंने मुंबई में 11 से 15 साल की उम्र में क्रिकेट की भारी किट उठाकर लोकल ट्रेनों में धक्के खाते हुए खूब सफर किया है.”

वहीं सचिन की यही जिद शायद उनकी मौत की वजह भी बन सकती थी. यह किस्‍सा खुद सचिन ने सुनाया.

जिद रन बनाने की, जिद क्रिकेट को जीने की. इस जिद का नतीजा था कि वह बेहद सब्र के बाद आखिरकार 2011 में अपना विश्व कप जीतने का सपना पूरा करने में सफल रहे.

क्रिकेट में भगवान का दर्जा पा चुके दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का 45वां जन्मदिन है. 22 गज पर लगभग हर रिकार्ड अपने नाम करने वाले सचिन को भगवान उनकी जिद ने बनाया.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com