वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को अपना दूसरा बजट पेश करेंगी। इस बजट में सबसे ज्यादा नजरें आयकर के स्लैब में कमी होने पर टिकी हैं।
वेतनभोगी करदाताओं को आस है कि स्लैब और कर दर में कमी कर वित्त मंत्री मध्यम वर्ग को फायदा देंगी। पिछले साल ही डायरेक्ट टैक्स कोड पर बनी कमेटी ने सरकार से आयकर स्लैब में परिवर्तन करने की सिफारिश की थी।
इस टास्क फोर्स का खास फोकस मध्यम वर्ग पर है। कमेटी ने सिफारिश की थी कि टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 6.25 लाख रुपये की जानी चाहिए। बता दें कि अभी पांच लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है। सूत्रों के मुताबिक इस कमेटी ने 2.50 लाख से 10 लाख तक की आमदनी पर 10 फीसदी, 10 लाख से 20 लाख तक की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स लगाने की सिफारिश की गई है।
सुपर रिच के लिए 30 फीसदी स्लैब
सुपर रिच में शामिल लोग जिनकी सालाना आय 20 लाख रुपये से दो करोड़ रुपये के बीच में है, उनपर 30 फीसदी और दो करोड़ से ज्यादा की आमदनी पर 35 फीसदी टैक्स की सिफारिश की है। इसने सिर्फ खास मकसद से ही सरचार्ज लगाने की सिफारिश की है। समिति ने कहा कि टैक्स स्लैब रिवाइज करने से दो तीन साल के लिए आय में कमी हो सकती है, लेकिन इसके बाद टैक्स भरने में लोगों को आसानी होगी। साथ ही टैक्स की चोरी भी रुकेगी।
खत्म हों सरचार्ज
इसके अलावा समिति ने सरचार्ज व सेस को पूरी तरह से खत्म करने की सिफारिश की है। अभी भारतीय कंपनियों को किसी वित्त वर्ष में घोषित या चुकाए गए कुल डिविडेंड पर 15 फीसदी का डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स देना पड़ता है। इस पर 12 फीसदी का सरचार्ज और तीन फीसदी का एजुकेशन सेस भी लगता है। पैनल के मुताबिक, सभी कैपिटल गेंस को तीन कैटेगरी में रखना चाहिए- फाइनेंशियल इक्विटी, फाइनेंशियल अन्य और नॉन फाइनेंशियल।
आयकर का यह है वर्तमान स्लैब
टैक्स रेट | सामान्य नागरिक | वरिष्ठ नागरिक(60-80 साल ) | अति वरिष्ठ नागरिक(80 से अधिक) |
0% | ढाई लाख रुपये तक | 3 लाख रुपये तक | 5 लाख रुपये तक |
5% | 2,50,001 से 5,00,000 | 3,00,001 से 5,00,000 | शून्य |
20% | 5,00,001 से 10 लाख | 5,00,001 से 10 लाख | 5,00,001 से 10 लाख |
30% | 10 लाख से अधिक | 10 लाख से अधिक | 10 लाख से अधिक |
इनकम टैक्स पर इतनी होगी बचत
आयकर एक्सपर्ट और सीए गिरीश नारंग ने बताया कि 10 लाख की सालाना आय वाले को नए प्रावधानों से सालाना 28600 रुपये, 12 लाख की आय वालों को 70200 रुपये, 16 लाख तक की आय वालों को 80600 रुपये और 20 लाख तक की आय वालों को 93600 रुपये की बचत होगी।
आठ लाख से 20 लाख की आय पर ऐसे मिलेगी छूट
आठ लाख की आय | 10 लाख की आय | 12 लाख की आय | 16 लाख की आय | 20 लाख की आय | |
सैलरी व अन्य स्त्रोत से हुई आय | 8 लाख | 10 लाख | 12 लाख | 16 लाख | 20 लाख |
Less :स्टैण्डर्ड डिडक्शन u/s 16(i) | 50 हजार | 50 हजार | 50 हजार | 50 हजार | 50 हजार |
ग्रॉस टैक्सेबल आय(A) | 7,50,000 | 9,50,000 | 11,50,000 | 15,50,000 | 19,50,000 |
Less: आयकर के हिसाब से डिडक्शन | |||||
सेक्शन 80सी | 1,50,000 | 1,50,000 | 1,50,000 | 1,50,000 | 1,50,000 |
सेक्शन 80डी | 25,000 | 25,000 | 25,000 | 25,000 | 25,000 |
सेक्शन 24 (होम लोन पर ब्याज) | 2,00,000 | 2,00,000 | 2,00,000 | 2,00,000 | 2,00,000 |
सेक्शन 80ईईए | 1,50,000 | 1,50,000 | 1,50,000 | 1,50,000 | 1,50,000 |
सेक्शन 80ईईबी | 1,50,000 | 1,50,000 | 1,50,000 | 1,50,000 | 1,50,000 |
कुल डिडक्शन (B) | 6,75,000 | 6,75,000 | 6,75,000 | 6,75,000 | 6,75,000 |
कुल आय (A-B) | 75,000 | 2,75,000 | 4,75,000 | 8,75,000 | 12,75,000 |
टैक्स | – | 1,250 | 11,250 | 87,500 | 1,95,000 |
Less : सेक्शन 87A के तहत रिबेट | – | 1,250 | 11,250 | – | – |
नेट टैक्स | – | – | – | 87,500 | 1,95,000 |
Add: शिक्षा सेस @ 4% | – | – | – | 3,500 | 7,800 |
कुल टैक्स | – | – | – | 91,000 | 2,02,800 |
* Inserted by Finance (No. 2) Bill, 2019 | |||||
कुल बचत | – | 28,600 | 70,200 | 80,600 | 93,600 |