राजनाथ सिंह ने कहा कि जनरल बिपिन रावत भारत की उस सैन्य परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें हम यह मानते हैं कि एक सैनिक भले ही जन्म कहीं भी ले, लेकिन वह पूरे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए तत्पर रहता है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड को वीरो की भूमि और जनरल बिपिन रावत को रोल मॉडल बताया। उन्होंने कहा, देश के लोग स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत को, जनरल के रूप में, सीडीएस के रूप में और उत्तराखंड के निवासी के रूप में जानते हैं, लेकिन जिन लोगों ने उन्हें बहुत नजदीक से देखा है, वह जानते हैं कि वह शौर्य, साहस और शालीनता के अद्भुत संगम थे। यह तीनों चीजें उसी के भीतर हो सकती हैं जो आध्यात्मिक हो। उन्होंने यह बात यहां द टौंस ब्रिज स्कूल में सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा का अनावरण करते हुए कही।
रक्षा मंत्री ने कहा, सरकार के रूप में हमारा भी यह हमेशा प्रयास रहता है कि सैनिकों की गरिमा को बनाए रखें। राष्ट्र की सुरक्षा में जो उनका योगदान है, उसे स्मरण करें। आज यदि भारत लगातार विकास कर रहा है, आज यदि भारत दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है तो इसका महत्वपूर्ण कारण यही है कि हमारे सैनिक पूरी दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ भारत की सुरक्षा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, जनरल बिपिन रावत भारत की उस सैन्य परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें हम यह मानते हैं कि एक सैनिक भले ही जन्म कहीं भी ले, लेकिन वह पूरे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए तत्पर रहता है, वह सिर्फ उस क्षेत्र का ही सैनिक नहीं होता, बल्कि पूरे भारतवर्ष को अपना क्षेत्र समझता है।
जनरल रावत न सिर्फ भारत के पहले सीडीएस थे, न केवल जांबाज और पराक्रमी सैनिक थे, बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे। जब भी मुझे रक्षा से जुड़े किसी खास विषय पर परामर्श की जरूरत होती थी तो जनरल रावत का नाम मेरे सामने सबसे पहले आता था। जनरल रावत के महत्व को समाज में और अधिक प्रमुखता के साथ सामने लाने की जरूरत है।
जो शौर्य, साहस और शालीनता की प्रतिमूर्ति थे, सीडीएस के रूप में उनकी नियुक्ति देश के इतिहास में एक अहम सुधार था। इस पद का सृजन ही सेनाओं की सशक्तीकरण और उनके सम्मान के प्रति हमारी सरकार के संकल्प को दिखाता है। एक तरफ हमने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की स्थापना कर सशस्त्र बलों के प्रति राष्ट्र की ओर से अपनी कृतज्ञता ज्ञापित की, तो वहीं दूसरी तरफ देश के सैनिकों के हाथों में उत्कृष्ट व आधुनिक हथियार देकर हम उन्हें लगातार सशक्त बना रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, जनरल बिपिन रावत के निधन से देश को अपूरणीय क्षति पहुंची, उसकी भरपाई संभव नहीं है।
उत्तराखंड को सैनिक बहुल प्रदेश बताते हुए उन्होंने कहा, भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखंड के वीर सैनिकों का अति विशिष्ठ योगदान है। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मंत्री गणेश जोशी, आईएमए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन, जनरल बिपिन रावत की पुत्री तारिणी रावत, विधायक सहदेव पुंडीर, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, स्कूल के प्रबंधक विजय नागर आदि मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री धामी को बताया डायनेमिक मुख्यमंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री धामी को डायनेमिक मुख्यमंत्री बताया। उन्होंने कहा, धामी उत्तराखंड को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले त्रिवेंद्र रावत को भी उन्होंने ऐसा करते देखा है।
पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने थपथपाई थी मेरी पीठ
रक्षा मंत्री ने कहा, वह पहली बार जब उत्तर प्रदेश की विधानसभा पहुंचे थे, तब वह 26 साल के थे। उस क्षण को वह भूल नहीं सकते। जब नारायण दत्त तिवारी ने उनकी पीठ थपथपाई थी। उस समय एनडी तिवारी नेता प्रतिपक्ष थे। मेरा 10 मिनट का भाषण था। तिवारी अपनी बैंच से उठकर आए और उन्होंने मेरी पीठ थपथपाई।