देहरादून जिले के कालसी में बना एकलव्य आदर्श आवासीय विद्याल

देहरादून के कालसी में 2010 से संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय ने कम समय में कई उपलब्धियां अपने नाम दर्ज कराई हैं। जनजातीय क्षेत्र के बच्चों का भविष्य संवारने के लिए स्थापित इस विद्यालय से अभी तक इंटर के तीन बैच निकले हैं। इनमें से 11 छात्र-छात्राएं जेईई मेन्स व एडवांस के माध्यम से मुंबई, इलाहाबाद व जबलपुर के प्रतिष्ठित संस्थानों से इंजीनियरिंग कर रहे हैं। नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) के माध्यम से तीन छात्र-छात्राओं का एमबीबीएस में चयन हुआ है। जबकि, दो छात्रों का चयन सेना और मर्चेंट नेवी में हो चुका है।

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय से निकलकर एम्स चंडीगढ़ से एमबीबीएस कर रही ईशा मूलरूप से जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर की निवासी है। ईशा के पिता ठेकेदार हैं, जबकि मां गृहणी। ईशा के लक्ष्य के अनुरूप विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जीसी बडोनी समेत अन्य शिक्षकों ने उन्हें पढ़ाई के साथ ही नीट की भी तैयारी कराई। आवासीय विद्यालय होने के चलते शिक्षक यह भी ध्यान रखते थे कि कौन छात्र-छात्राएं किस विषय में कमजोर हैं। ईशा बताती हैं कि उन्होंने डॉक्टर बनने का लक्ष्य तय कर रखा था। अभिभावकों का भी सहयोग रहा, लेकिन सबसे ज्यादा मेहनत प्रधानाचार्य, उपप्रधानाचार्य व शिक्षकों ने की। बकौल ईशा, ‘मैं रोजाना पांच से छह घंटे एकाग्रता के साथ पढ़ाई करती थी। मुझमें सिर्फ लक्ष्य हासिल करने का ही जुनून था। जौनसार-बावर में पढ़ाई के सीमित संसाधन हैं, लेकिन शिक्षकों ने कभी मेरा मनोबल डिगने नहीं दिया। नतीजा सामने है।’

विद्यालय के छात्रों की धमक

जेईई मेन्स व एडवांस के माध्यम से एकलव्य विद्यालय के अंशुल चौहान मुंबई, सोनम चौहान मंडी, आशीष चौहान टीएचडीसी टिहरी, शीतल जोशी जालंधर, मनीष तोमर, मनीष चौहान, नताशा तोमर, ऋतिक चौहान, नीतेश रावत व अंकित चौहान प्रयागराज और अमन राणा जबलपुर के विभिन्न इंस्टीटयूट से इंजीनियरिंग कर रहे हैं। जबकि, नीट के माध्यम से शालू चौहान देहरादून, ईशा चौहान एम्स चंडीगढ़ और अजय राठौर श्रीनगर गढ़वाल से एमबीबीएस कर रहे हैं। इसी तरह विजेंद्र तोमर सेना और कुलदीप राय मर्चेंट नेवी में सेवाएं दे रहे हैं।

हर बच्चा रोपता है अपने नाम का पौधा 

प्रधानाचार्य डॉ. जीसी बडोनी ने बताया कि बच्चों को पर्यावरण से जोड़ने के लिए उनके नाम का पौधा लगवाया जाता है। इसकी देखरेख की जिम्मेदारी भी उसी बच्चे की होती है। राज्य स्तर के खेलों में 200 बच्चों ने मेडल हासिल किए हैं। द्वितीय ईएमआरएस स्पोटर्स मीट भोपाल (मध्य प्रदेश) में बच्चों ने 22 स्वर्ण, 18 रजत व आठ कांस्य पदक जीतकर राज्य का मान बढ़ाया। जमशेदपुर टाटा नगर में प्रथम राष्ट्रीय ईएमआरएस म्यूजिक प्रतियोगिता में उनके विद्यालय की टीम विजेता रही। उसने दो लाख रुपये का नगद इनाम व ट्रॉफी हासिल की।

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