देश में वैक्सीनेशन की रणनीति को जरूरत के हिसाब से जल्द बदला जाएगा : केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन

कोरोना के कहर के बीच महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे कुछ राज्यों ने वैक्सीनेशन की एज लिमिटी घटाने की मांग की है. इस पर डॉ. हर्षवर्धन का कहना है कि “मांग करने में तो कोई कठिनाई नहीं होती. लेकिन हर चीज का वैज्ञानिक आधार होता है. फैक्टर होता है. जो भी फैसला किया गया है प्रायोरिटी ग्रुप को लेकर, वो वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर किया गया है. वैक्सीन हमारे देश में है. उसको प्रायोरिटी में देखते हुए 45 साल के ऊपर के लोगों को अभी वैक्सीन दिया जा रहा है. अभी आगे की रणनीति जरूरत के हिसाब से बदली जाएगी”

डॉ. हर्षवर्धन ने लॉकडाउन की संभावनाओं पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, “देश ने इतना बड़ा लॉकडाउन किया था, तो दोबारा लग सकता है ऐसी कोई संभावना नहीं है. लेकिन जो राज्य ज्यादा प्रभावित हैं, वो अपनी लोकल परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय ले रहे हैं.” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हरसंभव मदद दे रही है.

देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 96,982 नए मामले सामने आए. 446 लोगों की मौत हो गई. जबकि 50,143 लोग ठीक हुए. अब तक कुल 1,26,86,049 मामले सामने आ चुके हैं और 1,65,547 लोगों की जान जा चुकी है. फिलहाल एक्टिव केस की संख्या 7,88,223 है.

देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मीडिया से खास बातचीत की. उन्होंने कहा, “पिछले एक साल में कोरोना के खिलाफ लड़ने के जितने भी तरीके हैं, वो सब इस्तेमाल करना देश जान गया है, समझ गया है, सीख गया है. लेकिन इसके बावजूद लापरवाही या ओवर कॉन्फिडेंस की वजह से संक्रमण बढ़ रहा है. लोग मानकर चलने लगे कि अब वैक्सीन आ गई है. हमें कोविड बिहेवियर मानने की जरूरत नहीं है. मास्क पहनने की जरूरत नहीं है. पार्टी करने रेस्टोरेंट चले जाएं. शादी में चले जाएं. ये ठीक नहीं है. हमें सावधानी तो बरतनी ही पड़ेगी.”

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मंगलवार शाम को उनकी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक है. दो बार प्रधानमंत्री मोदी भी बैठक करने वाले हैं. उन्होंने बताया कि जिन राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं, वहां 50 टीमें भेजी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि देश में हर जगह कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन 11 राज्य ऐसे हैं, जहां 80% से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. चुनावी राज्यों में कोरोना के ज्यादा मामले न आने पर जब हर्षवर्धन से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं है. कई तरह के फैक्टर होते हैं. कहीं भी भीड़ हो, रैली हो, अगर वहां कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाएगा, तो मामले बाद में आएंगे ही.”

 

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