कोरोना वायरस की रफ्तार लगातार तेज होती जा रही है। महाराष्ट्र में हालात लगातार गंभीर हो रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली, पंजाब, गुजरात जैसे राज्यों में भी कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। कई राज्यों ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। राजधानी दिल्ली में 30 अप्रैल तक रात्रि कर्फ्यू लागू हो चुका है वहीं गुजरात के 20 शहरों में आज से रात्रि कर्फ्यू लागू हो रहा है।
वहीं, केंद्र सरकार ने कहा कि महामारी की तीव्रता बढ़ने के कारण पिछले वर्ष के मुकाबले कोविड-19 बहुत तेज गति से फैल रहा है और इसे देखते हुए अगले चार सप्ताह बेहद अहम रहने वाले हैं। सरकार ने संक्रमण की दूसरी लहर को काबू में करने के लिए जन-भागीदारी पर जोर दिया।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि मामले तेजी से बढ़ने से देश में महामारी के हालत और खराब हुए हैं। उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ने के हथियार वहीं हैं। कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन करना, निरुद्ध क्षेत्रों की पहचान, जांच आदि को और प्रभावी तरीके से लागू किया जाना चाहिए, चिकित्सा ढांचे में सुधार और टीकाकरण अभियान तेजी से चलाए जाने की जरूरत है।
पॉल ने कहा कि महामारी की तीव्रता बढ़ गई है और यह पिछली बार के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैल रही है। कुछ राज्यों में यह (हालात) अन्य के मुकाबले ज्यादा खराब है लेकिन बढ़ोतरी (मामलों में) देश भर में देखी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि दूसरी लहर को काबू में करने के लिए जनभागीदारी अहम है। अगले चार सप्ताह बेहद अहम रहने वाले हैं। पूरे देश को एकजुट हो कर महामारी से लड़ने के प्रयास करने होंगे।
गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के बीच राज्य सरकार ने 20 शहरों में रात आठ बजे से लेकर सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। यह बुधवार से 30 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा।
इससे पहले दिन में गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्य में कोविड-19 के कारण स्थिति “नियंत्रण से बाहर” हो रही है। इसके साथ ही अदालत ने सुझाव दिया कि वायरस संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए तीन से चार दिनों के लिए कर्फ्यू या लॉकडाउन लागू किया जा सकता है।
अभी तक अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा आर राजकोट में रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक का कर्फ्यू लगा था। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में कोरोना वायरस कोर समूह की बैठक में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया।
रूपाणी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने हमें कुछ सुझाव दिए थे और हमने उन पर निर्णय ले लिया है। इससे पहले हमने राज्य के चार बड़े शहरों में कर्फ्यू लगाया था , अब हमने 20 शहरों में रात के वक्त कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता प्रकट करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार से रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने की संभावना तलाशने को कहा, ताकि सामाजिक कार्यक्रमों में भीड़भाड़ रोकी जा सके।
मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया। अदालत ने कहा कि हालांकि, राज्य सरकार ने कोविड-19 की दूसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, लेकिन देखने में आया है कि राज्य द्वारा जारी निर्देशों का लोगों द्वारा ढंग से पालन नहीं किया जा रहा और यह चिंता का विषय है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने कोरोना वायरस संक्रमण के सामुदायिक स्तर पर फैलने की संभावना को कम करने के लिए आठ अप्रैल से स्पेशलिटी क्लिनिक और सभी केंद्रों समेत ओपीडी में मरीजों का पंजीकरण अस्थायी रूप से घटाने का निर्णय लिया है।
एम्स ने कहा कि बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) और स्पेशलिटी क्लिनिक में पहले से समय लेकर आने वाले मरीजों का ही इलाज किया जाएगा। अगले चार सप्ताह तक संस्थान के सभी विभाग ओपीडी में नए और पुराने मरीजों की संख्या की सीमा तय कर सकते हैं।