देश के सभी 51 शक्तिपीठों में पुरुष पुजारियों को हटाकर महिला पुजारिनों को रखा जाना चाहिए : महिला शंकराचार्य त्रिकाल भवंता

हरिद्वार कुंभ से पहले साधु-संत तरह-तरह के मुद्दे उछालने में जुट गए हैं। परी अखाड़े की स्वघोषित महिला शंकराचार्य त्रिकाल भवंता ने लंबी जद्दोजहद के बाद अरैल में अपने शिविर के लिए भूमि पूजन करने के बाद देवी मंदिरों में तैनात पुरुष पुजारियों को तत्काल हटाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से गुहार लगाई। 

उन्होंन देवियों की पूजा और सेवा में पुरुष पुजारियों की नियुक्त करने पर आपत्ति जताई। परी पीठाधीश्वर ने कहा कि देश के सभी 51 शक्तिपीठों में लगे पुरुष पुजारियों को हटाकर महिला पुजारिनों को रखा जाना चाहिए। देवियों के शृंगार और आरती की जिम्मेदारी पुरुष पुजारियों से वापस ली जानी चाहिए। 

परी पीठाधीश्वर ने भूमि पूजन के बाद कहा कि देवी मंदिरों में पुरुष पुजारियों की तैनाती मर्यादा का सीधा हनन है। अब बहुत दिन तक इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि वह इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा देश के सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजकर शक्तिपीठों से पुरुष पुजारियों को हटाने के लिए दबाव बनाएंगी। 

कामाख्या धाम से लेकर विंध्याचल धाम और दुर्गाकुंड तक के मंदिरों में मां की प्रतिमाओं का शृंगार पुरुष कैसे कर रहे हैं, यह विचारणीय प्रश्न बन गया है। उन्होंने कहा की धर्म के नाम पर महिलाओं के साथ अभी भी शोषण हो रहा है। परी अखाड़े का उद्देश्य स्त्री और पुरुष दोनों को बराबर का दर्जा दिलाना है। हरिद्वार कुंभ से पहले हाल में ही इस अखाड़े को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि ने फर्जी घोषित कर दिया था।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com