Nirbhaya case: देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में 20 जनवरी को निर्भया मामले में सुनवाई होगी। यह सुनवाई पवन के द्वारा स्पेशल लीव पिटिशन पर होगी। इस याचिका के अनुसार पवन ने कोर्ट को बताया कि क्राइम के वक्त वह जुवेनाइल था। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट उसकी याचिका खारिज कर चुका है।
वकील पर लगा था 25 हजार का जुर्माना
वर्ष 2012 में वारदात के दौरान नाबालिग होने का दावा करते हुए निर्भया मामले में दोषी पवन कुमार गुप्ता की तरफ से दायर याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले साल 19 दिसंबर को खारिज कर दिया था। इस मामले में न्यायमूर्ति सुरेश कुमार की पीठ ने अधिवक्ता एपी सिंह के बर्ताव पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि कई बार सूचना देने के बावजूद भी पीठ के समक्ष पेश न होकर अदालत का कीमती समय बर्बाद किया है। ऐसे में अधिवक्ता एपी सिंह पर 25 हजार का जुर्माना लगाया गया था।
वकील ने दी थी सफाई
वहीं अधिवक्ता एपी सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा उनपर की गई कार्रवाई को लेकर अपनी सफाई दी थी। अधिवक्ता एपी सिंह का कहना था कि उन्होंने न तो अदालत को गुमराह किया है और न झूठ बोला। अधिवक्ता एपी सिंह का कहना था कि उन्होंने उस दिन सुबह पीठ के समक्ष पेश होकर याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख देने की मांग की थी। इस पर सुनवाई 24 जनवरी के लिए स्थगित भी की गई थी। इसके बावजूद किसी गफलत में यह सब हुआ है।
इधर बता दें कि दोषी मुकेश की याचिका को राष्ट्रपति ने भी खारिज कर दिया है। इससे पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था हमने बिना लेट किए हुए इसे आगे बढ़ा दिया है और इस दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की है। इसके बाद एलजी ने इसे गृह मंत्रालय को भेजते हुए खारिज करने की सिफारिश की।
ताजा अपडेट के अनुसार दिल्ली की कोर्ट ने इन सभी दोषियों के लिए फिर से नया डेथ वारंट जारी किया है। इस बार फांसी की नई तारीख 1 फरवरी तय की गई है। इससे पहले पुराने डेथ वारंट के अनुसार यह तारीख 22 जनवरी को तय थी।