देश का पेट भर रहा पंजाब, अनाज की पैदावार में सबसे आगे, हर साल बढ़ रहा चावल व गेहूं उत्पादन

पंजाब के किसान अनाज की पैदावार में सबसे आगे हैं। विशेषकर चावल व गेहूं का राज्य में सबसे अधिक उत्पादन हो रहा है। राज्य के किसान पूरे देश का पेट भर रहे हैं, क्योंकि केंद्रीय पूल में सबसे अधिक अनाज पंजाब दे रहा है।

पंजाब के किसान अनाज उत्पादन में देशभर में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। विशेषकर गेहूं और चावल की पैदावार में सूबे ने रिकॉर्ड बनाए हैं। राज्य में इनकी पैदावार बढ़ती जा रही है, जिससे एफसीआई को भंडारण की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद पंजाब के किसानों ने अपनी मेहनत से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है। यही कारण है कि वैसाखी के अवसर पर पंजाब की यह उपलब्धि विशेष रूप से सराहनीय है।

वर्ष 2024-25 में राज्य ने केंद्रीय पूल में रिकाॅर्ड 45 प्रतिशत गेहूं का योगदान दिया। 121.31 लाख टन गेहूं और 173.58 लाख टन धान की खरीद हुई। प्रदेश में हर साल ही चावल व गेहूं का उत्पादन बढ़ रहा है। गेहूं की इस साल भी मंडियों में रिकॉर्ड 124 लाख मीट्रिक टन आने की उम्मीद है।

राज्य हमेशा से ही फसलों के पैदावार में आगे रहा है और गेहूं व चावल के उत्पादन से प्रदेश ने पूरे देश की मांग को पूरा किया है। केंद्रीय भंडारण भरने में यहां के किसानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर आंदोलन के दौरान प्रदेश के किसान पहले दिल्ली और फिर पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर डटे रहे, बावजूद इसके अनाज के उत्पादन में कोई कमी नहीं आई, बल्कि उलटा इसमें निरंतर बढ़ोतरी होती जा रही हैं।

केंद्र कैश क्रेडिट लिमिट जारी करने के साथ पंजाब को अनाज की डिमांड भेजता है, लेकिन हर साल ही उससे अधिक अनाज का उत्पादन पंजाब में किया जा रहा है। हालात यह है कि हर साल उत्पादन में बढ़ोतरी होने के कारण फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) को सूबे में सबसे अधिक भंडारण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एफसीआई के गोदाम फुल हैं। इस कारण राज्य में अब भंडारण की अतिरिक्त क्षमता भी तैयार की जा रही है, जो इस साल के अंत तक तैयार होगी। इससे प्रदेश में अनाज का अधिक भंडारण किया जा सकेगा, जिसकी पड़ोसी राज्यों को लिफ्टिंग की जा सकेगी।

पिछले आठ साल में सबसे अधिक उत्पादन
अगर पिछले आठ साल का रिकॉर्ड देखें तो प्रदेश के किसान गेहूं व चावल के उत्पादन में सबसे आगे रहे हैं। केवल वर्ष 2016-17 और 2021-22 में गेहूं के उत्पादन में हरियाणा मामूली बढ़ोतरी के साथ पंजाब से आगे रहा है, जबकि बाकी वर्षों में पंजाब के किसान ही उत्पादन में टॉप पर रहे हैं। वर्ष 2023-24 के दौरान पंजाब में रिकॉर्ड 4516 किलोग्राम हेक्टेयर चावल और 5045 किलोग्राम गेहूं का उत्पादन हुआ है, जो प्रदेश भर में सबसे अधिक है।

पिछले आठ साल में चावल व गेहूं का उत्पादन किलोग्राम हेक्टेयर में

गेहूं
वर्ष – उत्पादन
2016-17 – 4704
2017-18 – 5077
2018-19 – 5188
2019-20 – 5003
2020-21 – 4868
2021-22 – 4216
2022-23 – 4748
2023-24 – 5045

चावल –
वर्ष उत्पादन

2016-17 – 3998
2017-18 – 4366
2018-19 – 4132
2019-20 – 4034
2020-21 – 4366
2021-22 – 4340
2022-23 – 4193
2023-24 – 4516

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