देश में लगातार बढ़ती बेरोजगारी और नौकरी न मिलने से परेशान युवा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने की तैयारी कर रहे हैं। यही नहीं नौकरी की तलाश में घुम रहे पांच लाख युवा लोग अपनी डिग्री को भी प्रधानमंत्री मोदी के निवास पर भेजेंगे।

देशभर में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर एनएसयूआई मोदी सरकार के खिलाफ नौकरी दो या डिग्री वापस लो कैंपेज शुरू करने जा रही है। इस अभियान के तहत एनएसयूआई देशभर के युवाओं को जोड़ेगी और पांच लाख से ज्यादा बेरोजगार छात्रों की डिग्री एकत्र करे इसे पीएम मोदी के घर भेजेगी।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा, हमारे देश की कुल आबादी 138.35 करोड़ है। इसमें युवा वर्ग की संख्या 34.33 फीसदी है। आज सरकार लोगों को रोजगार देने की जगह नोटबंदी, जीएसटी एवं असुनियोजित लॉकडाउन करके युवाओं को बेरोजगारी के तरफ धकेल रही है। भाजपा जब सत्ता में आई थी तब पार्टी ने अपने घोषणापत्र में हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था।
इस हिसाब से अब तक 12 से 13 करोड़ लोगों को रोजगार मिल जाना चाहिए था। मोदी सरकार के आने के बाद से देश में पिछले 45 वर्षों में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा है। भारतीय रेलवे देश में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर प्रदान करती है, लेकिन मोदी सरकार ने रेलवे का निजीकरण करके देश में बेरोजगारी बढ़ाने का काम किया है।
उन्होंने आगे कहा कि, स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, देश में नोटबंदी के कारण 50 लाख लोगों ने नौकरी खो दी थी। वहीं मोदी सरकार सरकारी परीक्षाओं के परिणामों में देरी करके भी युवाओं के सामने एक बहुत बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। आरआरबी एनटीपीसी द्वारा रेलवे भर्ती बोर्ड के लिए 2015 में परीक्षा आयोजित करवाई थी। इसमें करीब 57 लाख उम्मीदवार बैठे थे।
जिसका परिणाम दो साल बाद घोषित किया गया। इससे दो साल तक 57 लाख युवाओं को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ा। इस अभियान के तहत हम देशभर के पांच लाख छात्रों की डिग्री एकत्र करेंगे ओर डिग्रीधारी बेरोजगार का वास्तविक डाटा देश व वर्तमान सरकार के सामने लाने का काम करेंगे। एनएसयूआई ने अपने इस अभियान से युवा बेरोजगार लोगों को जोड़ने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal