देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कोरोना की स्थिति को लेकर जानकारियां दे रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में कोरोना वायरस महामारी से ठीक हो चुके मामलों की संख्या 51 लाख के पार हो चुकी है। मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि देशभर में अब तक सात करोड़ 30 लाख से ज्यादा कोरोना जांच हो चुकी हैं। पिछले सप्ताह 77.8 लाख जांच हुई हैं।
प्रेसवार्ता में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा अभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है। भूषण ने कहा कि आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) के दूसरे सीरो सर्वे की रिपोर्ट से पता चला है कि बड़ी आबादी अभी भी कोविड-19 के प्रति संवेदनशील है और इसकी चपेट में आ सकती है।
राजेश भूषण ने कहा कि भारत में कोविड-19 के चलते प्रति 10 लाख की आबादी पर होने वाली मौतों की संख्या भारत में सबसे कम है। भारत में यह संख्या 70 है जबकि दुनियाभर के लिए यह आंकड़ा 127 है। इसके अलावा ब्राजील में यह संख्या 665, ब्रिटेन में 618, अमेरिका में 614, फ्रांस में 483, दक्षिण अफ्रीका में 276 और रूस में 139 है।
भारत में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोविड-19 जांच की संख्या 50 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है। सितंबर माह में कुल 2.97 करोड़ जांच की गई हैं। इससे पहले अगस्त में 2.39 करोड़, जुलाई में 1.05 करोड़, जून में 49.9 लाख, मई में 29.4 लाख जांच की गई थीं। अप्रैल में यह आंकड़ा 8.64 लाख तो मार्च में 30 हजार था।
देश में कोविड-19 जांच के लिए लैब (प्रयोगशाला) की संख्या में भी बढ़त हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सितंबर माह तक भारत में कोरोना वायरस जांच के लिए लैब की संख्या 1836 है। अगस्त में देश में लैब की संख्या 1587 थी तो जुलाई में 1331 थी। जून में यह संख्या 1049, मई में 669, अप्रैल में 389 और मार्च में देश में लैब की संख्या 121 थी।