रामगोपाल वर्मा साउथ और बॉलीवुड के जाने-माने डायरेक्टर रहे हैं और वे श्रीदेवी को बहुत करीब से जानते थे। अपने इस पत्र के एक हिस्से में राम गोपाल वर्मा ने लिखा है, श्री देवी एक नाखुश महिला थीं। ‘इंग्लिश विंग्लिश’ के कुछ समय को छोड़कर, वह एक नाखुश महिला थीं। भविष्य की अनिश्चितताएं, निजी जिंदगी में आने वाले कई उतार-चढ़ाव जैसी चीजों ने उनकी जिंदगी में कई गहरे निशान छोड़ दिए थे और जिसके बाद वह कभी शांति से नहीं रहीं।
उन्होंने आगे लिखा है, बचपन में ही इस इंडस्ट्री का हिस्सा बनने की वजह से वह कई परेशानियों से गुजरी हैं, जिंदगी ने उन्हें कभी बढ़ने और शांत रहने का मौका नहीं दे पायी। बाहरी शांति से ज्यादा उनके भीतर की शांति काफी अहम थी, जो उन्हें नहीं मिली।
उन्होंने अपने इस लेटर में लिखा, ‘श्रीदेवी दरअसल महिला के शरीर में जकड़े एक बच्चे की तरह थीं। वह एक व्यक्ति के तौर पर काफी मासूम थीं, लेकिन अपने बुरे अनुभवों के चलते वह काफी वहमी भी हो गई थीं। उनके मामले में यह कहना चाहता हूं कि आखिरकार अब जाकर उन्हें अंतिम शांति मिलेगी, जैसी उन्हें जीते हुए कभी नहीं मिली।
रामू ने अपने इस लेटर में लिखा, ‘बोनी की मां ने श्रीदेवी को दुनिया के सामने घर तोड़ने वाली औरत के तौर पर दिखाया था और उन्हें बोनी पहली पत्नी के साथ गलत करने के लिए एक पांच सितारा होटल की लौबी में सब के सामने पेट में घूंसा मारा था।’
आपको बता दें कि श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को दुबई से भारत लाने में कानूनी प्रक्रियाओं की वजह से देरी हो रही है। इस मामले में बोनी कपूर से तीन बार पूछताछ की जा चुकी है। श्रीदेवी का पार्थिव शरीर आज शाम बाद भारत लाया जा सकता है।