उत्तर प्रदेश में कोरोना रिकॉर्ड तेजी से बढ़ता जा रहा है. यूपी में एक दिन में कोरोना के 18 हजार से ज्यादा मामले आए हैं. प्रदेश में सबसे ज्यादा 5300 केस राजधानी लखनऊ में आए, जबकि प्रयागराज में 1800 से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिले हैं. इस बीच यूपी में मुख्यमंत्री ऑफिस के कुछ अधिकारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए. जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद को आइसोलेट कर लिया है.
9:52 AM: कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते 7 जिलों के अस्पतालों में OPD सेवा बंद की गई. लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, आगरा में ओपीडी बंद की गई. बेहद जरुरी सर्जरी को छोड़ शेष ऑपरेशन टालने के भी निर्देश दिये गये. विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा ने जारी किया आदेश.
8:45 AM: यूपी सरकार ने फ़ैसला किया कि कोरोना के मरीज़ों का बेहतर इलाज करने के लिये MBBS के चौथी और पांचवें वर्ष के छात्रों को भी कोविड ड्यूटी पर लगाया जायेगा. MBBS के छात्रों की परीक्षा निरस्त होने के कारण इनकी ड्यूटी अस्पतालों में लगायी गयी है. साथ ही निजी अस्पतालों के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ़ को मनमानी छुट्टी लेने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है.
7:42 AM: मंगलवार को बीते 24 घंटे में यहां 18,021 कोरोना संक्रमित मिले हैं और 85 लोगों की मौत हुई है. जबकि सिर्फ 3,374 लोग ही ठीक हुए हैं. यूपी में अब तक कोरोना के 7,23,582 मामले सामने आ चुके हैं और 9,309 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में फिलहाल 95,980 मरीजों का इलाज चल रहा है.
यूपी में 12 से ज्यादा आईएएस अधिकारी कोरोना संक्रमित मिले हैं. सीएम योगी के ऑफिस में भी कोरोना का संक्रमण फैल गया है. उनके प्रमुख सचिव की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है. इतनी बड़ी संख्या में आईएएस अधिकारियों के कोरोना संक्रमित आने के बाद सीएम योगी होम आइसोलेशन में चले गए हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ के ऑफिस तक कोरोना का संक्रमण पहुंच गया है. उनके प्रमुख सचिव पीएस गोयल कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. उनके अलावा सीएम के सचिव अमित सिंह और ओएसडी अभिषेक कौशिक को भी संक्रमण हुआ है. इनके अलावा सीएम के सरकारी आवास के स्टाफ के भी दो लोग कोरोना के शिकार हुए हैं.
कोरोना के खतरे के बीच दारुल उलूम फरंगी महल की ओर से वैक्सीन को लेकर फतवा जारी किया गया है. फतवे में कहा गया है कि रोजे के दौरान भी कोरोना की वैक्सीन ली जा सकती है. फतवे में अपील की गई है कि मुस्लिम समाज के लोगों को रोजे के चलते कोरोना का टीका लगवाने में देरी नहीं करनी चाहिए. देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने भी इस फतवे का समर्थन किया है.