दुखद खबर: जहर मिली चाय पीने के बाद रूस के एक्टिविस्ट एलेक्सी नवेलनी कोमा में

रूस के एक्टिविस्ट एलेक्सी नवेलनी अभी भी कोमा में हैं. जहर मिली चाय पीने के बाद नवेलनी कोमा में चले गए हैं. उनके समर्थकों का आरोप है कि किसी साजिश के तहत उन्हें मारने की कोशिश की गई जब वे एक फ्लाइट से मॉस्को लौटने वाले थे. इस बीच शनिवार को उन्हें एक विशेष विमान से जर्मनी की राजधानी बर्लिन लाया गया जहां उनका इलाज होगा. डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनकी देखरेख करेगी.

एलेक्सी नवेलनी रूस में भ्रष्टाचार विरोधी एनजीओ चलाते हैं. एनजीओ ने बताया है कि नवेलनी की तबीयत स्थिर है और बर्लिन के एक अस्पताल में इलाज के लिए शनिवार को उन्हें लाया गया. जर्मनी की संस्था सिनेमा फॉर पीस ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि नवेलनी फिलहाल बर्लिन में हैं. बयान में कहा गया कि 44 साल के नवेलनी के बारे में उनके घर वाले पूरी जानकारी देंगे. जर्मनी के डॉक्टरों की एक बड़ी टीम उनकी देखरेख कर रही है.

बर्लिन के टेजेल एयरपोर्ट पर शनिवार 9 बजे नवेलनी का विमान उतरा. यह एयरपोर्ट खास तौर पर सरकारी और मिलिटरी फ्लाइट्स के लिए इस्तेमाल होता है. नवेलनी को एयरपोर्ट से सीधा चैरिटे हॉस्पिटल ले जाया गया. नवेलनी एक्टिविस्ट होने के साथ राजनेता और भष्टाचार की जांच करने वाले अधिकारी भी हैं. नवेलनी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कट्टर विरोधी माने जाते हैं. शुक्रवार को तबीयत खराब होने के बाद उन्हें साइबेरिया के शहर ओमस्क में एक अस्पताल में दाखिल कराया गया था.

नवेलनी के समर्थकों का कहना है कि उन्हें चाय में जहर मिला कर दिया गया. समर्थक इसके पीछे क्रेमलिन (रूसी सरकार) को जिम्मेदार बता रहे हैं. उनका कहना है कि प्रशासन ने जानबूझ कर नवेलनी को जर्मन हॉस्पिटल में ले जाने में देरी की. नवेलनी के घरवालों के आग्रह पर जर्मन डॉक्टरों की एक टीम विशेष फ्लाइट से ओमस्क पहुंची थी. इस फ्लाइट में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद थीं. नवेलनी के फिजिशियन ने शुरू में कहा था कि उन्हें इधर-उधर हटाना खतरे से खाली नहीं होगा. लेकिन बाद में मेडिकल जांच के बाद उन्हें जर्मनी ले जाया गया.

माना जा रहा है कि कई देशों के दबाव के बाद नवेलनी को जर्मनी भेजने की इजाजत दी गई. हालांकि क्रेमलिन ने इन आरोपों को खारिज किया है कि इसके पीछे उसका हाथ है या इलाज में जानबूझ कर देरी की गई. फ्रांस और जर्मनी ने नवेलनी के परिवार से कहा कि वे बेहतर इलाज देने के लिए तैयार हैं. इसके बाद नवेलनी को जर्मनी ले जाने का फैसला हुआ.

रूस में नवेलनी को पुतिन का सबसे बड़ा विरोधी नेता माना जाता है. 2018 के राष्ट्रपति चुनाव में वे पुतिन के खिलाफ खड़ा होना चाह रहे थे, इसके लिए कैंपेन भी चलाया था लेकिन उन्हें रोक दिया गया. इसके बाद वे लगातार क्षेत्रीय विपक्षी पार्टियों को समर्थन देते आ रहे हैं. वे पुतिन की सत्तारूढ़ पार्टी यूनाइटेड रसिया को हमेशा चुनौती देते रहे हैं.

उनका फाउंडेशन (एनजीओ) रूस में भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करता है. एनजीओ ने सरकार के बड़े-बड़े अधिकारियों को बेनकाब किया है. लेकिन पिछले महीने उनके एनजीओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ जिसके बाद उन्हें अपना काम बंद करना पड़ा. क्रेमलिन से जुड़े एक बड़े उद्योगपति ने नवेलनी के एनजीओ के खिलाफ केस किया था. बीते दिन नवेलनी साइबेरिया के शहर ओमस्क से मॉस्को आ रहे थे. उनकी तबीयत खराब होने के बाद विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. बाद में नवेलनी को बर्लिन के चैरिटे अस्पताल में भेजा गया. इस अस्पताल का बहुत नाम है क्योंकि यहां नामचीन विदेशी नेताओं के इलाज होते आए हैं

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