स्वास्थ्य और साधारण बीमा कंपनियों को जल्दी ही मच्छर और कीटाणुओं से होने वाली डेंगू, मलेरिया और चिकुनगुनिया जैसी बीमारियों (वेक्टर जनित बीमारी) के इलाज के लिए बीमा कवर उपलब्ध कराने की अनुमति मिलेगी।
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने वेक्टर जनित बीमारी के मानकों को लेकर मसौदा जारी किया। इससे साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां एक साल के लिए इस प्रकार की पॉलिसी की पेशकश के लिए प्रोत्साहित होंगी।
इरडा ने कहा कि इसका मकसद एक मानक स्वास्थ्य बीमा उत्पाद लाना है जो लोगों की वेक्टर जनित बीमारियों के इलाज को शामिल करे। प्रस्ताव के तहत बीमा पॉलिसी की अवधि एक साल होगी और इसमें प्रतीक्षा अवधि 15 दिन की होगी।
बीमा पॉलिसी में डेंगू बुखार, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजर, चिकुनगुनिया, जापानी बुखार और जाइका विषाणु के इलाज को शामिल किया जाएगा। नियामक ने संबंधित पक्षों से मसौदे पर 27 नवंबर तक अपनी राय देने को कहा है।
दरअसल, बीमा कंपनी को इस पॉलिसी के नामकरण में वेक्टर बॉर्न जनित बीमारियों को जोड़ना होगा। पॉलिसी के लिए सिंगल प्रीमियम लिया जा सकता है। मूल बीमाधारक के लिए न्यूनतम प्रवेश आयु 18 वर्ष होगी और अधिकतम आयु 65 वर्ष से कम नहीं होगी।
इसमें मूल बीमाधारक सहित परिवार के सभी सदस्य बीमित होंगे। इसके अलावा, आश्रित बच्चों को एक वर्ष से 25 वर्ष की आयु तक बीमा कवर किया जाएगा। अस्पताल में भर्ती कवर के अलावा, मेडिसिन और भर्ती के पहले और बाद का उपचार भी शामिल होगा।