दिसंबर महीने में भारत के सेवा क्षेत्र से जुड़ी गतिवधियों में वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, पिछले महीने वृद्धि की रफ्तार नवंबर के मुकाबले सुस्त रही। एक मासिक सर्वे में ऐसा कहा गया है। बुधवार को जारी आईएचएस मार्किट की मासिक रिपोर्ट के मुताबिक कारोबार को लेकर कमजोर रुख की वजह से बिक्री की रफ्तार तीन माह के निचले स्तर पर आ गई। इसके अलावा कर्मचारियों की नियुक्ति पर विराम लग गया। इससे आईएचएस मार्किट के मुताबिक दिसंबर में इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स 52.3 पर आ गया, जो उससे पिछले महीने यानी नवंबर में 53.7 पर था। हालांकि, राहत भरी बात ये रही कि दिसंबर में भी सर्विसेज पीएमआई 50 से ऊपर रहा।

उल्लेखनीय है कि PMI पर 50 से ऊपर का आंकड़ा वृद्धि जबकि उससे नीचे का आंकड़ा संकुचन को दिखाता है।
आईएचएस मार्किट में एसोसिएट डायरेक्टर (इकोनॉमिक्स) पॉलियाना डि लिमा ने कहा, ”हालांकि, यह अच्छी बात है कि दिसंबर में भी सर्विस सेक्टर में वृद्धि देखने को मिला। इसके बावजूद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वृद्धि से जुड़े मोमेंटम पर असर पड़ा है।”
इस सर्वेक्षण के मुताबिक कंपनियों ने इस बात की ओर इशारा किया है कि नए काम मिलने से वृद्धि को मजबूती मिली। हालांकि, प्रतिस्पर्धा से जुड़े दबाव और कोविड-19 महामारी की वजह से वृद्धि एक स्तर तक सीमित रही।
कोविड-19 से जुड़े वैश्विक पाबंदियों और खासकर यात्रा से जुड़े प्रतिबंध की वजह से 2020 के आखिर में भारतीय सर्विसेज को लेकर वैश्विक मांग में कमी आई। नए एक्सपोर्ट बिजनेस में भी कमी दर्ज की गई। हालांकि, इसकी रफ्तार मार्च के बाद सबसे कम रही।
लिमा ने कहा कोविड-19 से जुड़े मामलों में वृद्धि सेवा प्रदाताओं के बीच नए काम की वृद्धि में सबसे बड़ा बाधक बनकर उभरा।
इस सर्वे के मुताबिक लिक्विडिटी से जुड़ी चिंताओं, श्रमिकों और मांग में कमी की वजह से कर्मचारियों की नियुक्ति लगभग रूक गई है। ऐसा बिजनेस को लेकर रुख में कमजोरी आने की वजह से हुआ है।
लिमा ने कहा कि सर्विसेज सेक्टर पर महामारी के जबरदस्त असर के चलते कुछ कंपनियां वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही हैं। इससे वे नए कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं कर रही हैं। दूसरी ओर, दिसंबर में एक बार फिर छंटनी देखने को मिली। इस सर्व के मुताबिक पिछले 10 माह में नौ में कर्मचारियों की छंटनी देखने को मिली।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal