दिवाली या फिर कोई भी त्योहार के लिए शॉपिंग करते समय क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। अगरआप भी इस फेस्टिव सीजन में गिफ्ट या बाकी सामानों के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपको एक बार जरूर चेक करना चाहिए कि उस पर कितना टैक्स लगता है। आज हम आपको बताएंगे कि क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करते समय टैक्स कलेक्शन कैसे होता है।
जीएसटी
भारत में क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करते समय हमें जीएसटी का भी भुगतान करना होता है। आप जो सामान खरीदते हैं तो उस पर जीएसटी का भुगतान लगता है। हर सामान पर जीएसटी दरें अलग होती है। कुछ लग्जरी वस्तुओं पर जीएसटी दरें 5 फीसदी से 28 फीसदी या फिर इससे ज्यादा होती है। आपको अपने खरीद सामान पर जीएसटी दरें को गुणा करना है। इस से आपको पता चल जाएगा कि आपको कितना टैक्स का भुगतान करना होता है।
उदाहरण के तौर पर अगर आप 5,000 रुपये का कोई गिफ्ट खरीदतें है जिस पर 12 फीसदी ब्याज दर लग रहा है। ऐसे में आप 5,000 रुपये में 12 फीसदी को गुणा करें। इसका रिजल्ट 600 है,इसका मतलब है कि आपको इतना भुगतान करना होगा।
रिवॉर्ड और कैशबैक
जब भी क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करते हैं तो तब आपको कैशबैक या फिर रिवॉर्ड का लाभ मिलता है। ऐसे में जो रिवॉर्ड या फिर कैशबैक मिलचता उस पर भी टैक्स का भुगतान देना होता है। यह कैशबैक और रिवॉर्ड एक तरह के इनकम में आता है। आप जब वार्षिक इनकम टैक्स रिटर्न में इन कैशबैक और रिवॉर्ड की सूचना दें। आपके रिवॉर्ड के आधार पर टैक्स का केलकुलेशन होता है।
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इंटरेस्ट
क्रेडिट कार्ड पर जब बिल का भुगतान नही करते हैं या फिर कुछ राशि को दूसरे बिल पेमेंट के लिए बचा कर रखते हैं तो उस पर ब्याज लगता है। इन ब्याज पर किसी भी तरह का कोई कर नहीं लगता है पर अगर यह ब्याज ज्यादा हुई तो यह आपके खर्चों को बढ़ा सकती है। आपको अपने कार्ड के एमपीआर को समझना चाहिए।