जिन लोगों ने साइंस पढ़ी है शायद उन्हें यह बात मालूम हो कि अगर दिल हमारे शरीर के बाहर खून को पंप करे तो क्या होगा। यह हकीकत है कि हम में से ज्यादातर लोगों के पास इस बात का जवाब नहीं होगा। इसकी वजह अनभिज्ञता हो सकती है। दरअसल, अमूमन लोग ऐसी कोई भी जानकारी लेने में दिलचस्पी नहीं रखते जो उनके कार्यक्षेत्र से जुड़ी न हो या सीधे उनकी जिंदगी को प्रभावित न करती हो। हालांकि ऐसी जानकारी काम की साबित होती है। आज हम ऐसी ही काम की जानकारी लेकर आएं हैं। बता दें यह जानकारी खून से जुड़ी है। अगर हम आपसे पूछें कि आप खून के बारे में क्या-क्या जानते हैं तो शायद आप सिर्फ यही कहें कि यह लाल रंग का होता है। लेकिन इसके अलावा खून से जुड़ी बहुत सी बातें होती हैं जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जैसे…
एक रिपोर्ट के मुताबिक हर 3 सेकेंड में भारत में किसी न किसी को खून की जरूरत पड़ती है। हर दिन दुनिया में 40,000 यूनिट खून की जरूरत पड़ती है। 3 में से 1 व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी खून की आवश्यकता पड़ती है। दुनिया का पहला ब्लड बैंक 1937 में बनाया गया था।आप यह भी नहीं जानते होंगे कि खून का पहला ट्रांसफर 16 वीं सदी में दो कुत्तों के बीच किया गया था।
हमारे शरीर में रक्त का 70 प्रतिशत भाग रेड ब्लड सेल्स के अंदर मौजूद हिमोग्लोबीन में, 4% भाग मांसपेशियों के प्रोटीन मायोग्लोबिन में, 25% भाग लीवर, अस्थिमज्जा, प्लीहा व गुर्दे में होता है और बाकि बचा 1% रक्त प्लाजमा के तरल अंश व कोशिकाओं के एंजाइम्स में होता है।
अगर हमारा दिल शरीर से बाहर खून पंप करे तो यह खून को 30 फीट ऊपर तक उछाल सकता है। ये बात कम ही लोगों को मालूम होगी। ये आम बात सभी जानते होंगे कि मनुष्य का रक्त केवल 4 तरह (O, A, B, AB) का होता हैं लेकिन गायों में लगभग 800, कुत्तों में 13 और बिल्लियों में 11 तरह का रक्त पाया जाता हैं।
वहीं आपको यह लगता होगा कि मच्छर थोड़ा सा खून पीते है लेकिन आपको बता दे कि 12 लाख मच्छर आपका पूरा खून चूस सकते हैं। यह माना जाता है कि मच्छर “O” ग्रुप का खून सबसे ज्यादा चूसते हैं।
एक रोचक जानकारी ये भी है कि सिर्फ मादा मच्छर ही खून चूसती हैं, जबकि नर मच्छर शाकाहारी होते हैं। ये सिर्फ मीठे तरल पदार्थ पीते है। मादा मच्छर अपने वजन से 3 गुना ज्यादा खून पी सकती है। ब्राजील देश में एक आदिवासी समूह है बोरोरो। हैरानी की बात ये है कि इस समूह के सभी लोगो का एक ही ब्लड ग्रुप “O” है। ब्लड पर इतनी रिसर्च के बावजूद आज तक कृत्रिम खून नहीं बनाया जा सका है। ये सिर्फ भगवान की देन है।