फोर्टिस हेल्थकेयर और रेलिगेयर एंटरप्राइज के प्रमोटर्स सिंह ब्रदर्स को दिल्ली हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को सिंह ब्रदर्स की दो कंपनियों में संपत्ति अटैच करने का आदेश दिया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने आरएचसी होल्डिंग्स और ऑस्कर इन्वेस्टमेंट में सिंह ब्रदर्स की संपति अटैच करने का आदेश दिया है. आरएचसी होल्डिंग्स और ऑस्कर इन्वेस्टमेंट में मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह की संपत्ति है. दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से यह आदेश रैनबैक्सी मामले में आर्बिट्रेशन अवार्ड का पालन कराने को लेकर दिया गया है.
हाईकोर्ट ने इसके साथ ही सिंह ब्रदर्स को उन संपतियों की लिस्ट सौंपने का भी आदेश दिया है, जो उनकी ऋणरहित संपत्ति है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक हाईकोर्ट ने आरएचसी होल्डिंग्स और ऑस्कर इन्वेस्टमेंट को बैंक खातों का इस्तेमाल करने से भी रोक दिया है. हालांकि कोर्ट ने दोनो कंपनियों को वेतन और वैधानिक देय का भुगतान करने के लिए इनका यूज करने की अनुमति दी है.
अदालत ने कहा कि सिंह ब्रदर्स के लिए एक दिन की देरी उन पर 50 लाख रुपये के ब्याज के तौर पर भारी पड़ रही है. अप्रैल, 2016 में सिंगापुर के एक अर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने सिंह ब्रदर्स के खिलाफ फैसला सुनाया था. दाइची के हक में फैसला सुनाते हुए ट्रिब्यूनल ने सिंह ब्रदर्स को नुकसान भरपाई के लिए 2,563 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया था.
इसके साथ ही इस पर 4.44 फीसदी की दर से 7 नवंबर, 2008 से फैसला दिए जाने तक ब्याज चुकाना होगा. ट्रिब्यूनल ने दोनों भाइयों को सेल्फ असेसमेंट रिपोर्ट में गलत जानकारी देने का दोषी पाया था.
क्या है मामला?
मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने 2008 में रैनबैक्सी बेचते समय जानकारियां छुपाई थीं. इसी मामले में कंपनी को 2013 में अमेरिका में मिलावटी दवाएं बेचने और गलत आंकड़े पेश करने का दोषी पाया गया. इसके लिए उन्हें 50 करोड़ डॉलर देना पड़ा था.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal