दिल्ली मेट्रो फेज चार का शेड्यूल बेपटरी होने से केंद्र सरकार मेट्रो को खुद चलाने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए मंत्रालय कानूनी विशेषज्ञों के संपर्क में है। अगर दिल्ली सरकार से फेज चार में अड़चन पैदा की गई तो केंद्र सरकार अकेले इस पर काम कर सकती है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मानें तो वह दिल्ली को जाम में फंसने नहीं देंगे। जरूरत पड़ने पर केंद्र मेट्रो का संचालन खुद ही करेगा। 

दरअसल, पिछले साल दिल्ली मेट्रो के किराये में बढ़ोतरी के बाद केंद्र व राज्य के बीच लंबा विवाद चला था। दिल्ली सरकार किराया कम करने की मांग कर रही थी। लेकिन कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए केंद्र ने इससे इनकार कर दिया था। दूसरी तरफ दिल्ली मेट्रो फेज चार की फाइल भी अटकी पड़ी है।
कानूनी औपचारिकताएं पूरी नहीं होने से केंद्र सरकार ने फेज चार की फाइल तीन बार दिल्ली सरकार को लौटाई है। आखिरी बार इसे जीएसटी लागू होने के बाद लौटाया गया था। इस वजह से दिल्ली मेट्रो फेज चार में करीब डेढ़ साल की देरी हुई है।
केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेट्रो के संचालन में दिल्ली सरकार की तरफ से पैदा की जा रही अड़चनों को देखते हुए मंत्रालय अलग-अलग विकल्पों पर विचार कर रहा है। डीएमआरसी एक्ट के प्रावधानों पर कानूनी विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। मंत्रालय दिल्ली मेट्रो को अधर में नहीं लटका सकता।
दूसरी तरफ हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि करीब छह महीने पहले दिल्ली को जाम मुक्त करने की योजना दिल्ली सरकार को सौंपी गई थी। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है। वहीं, मेट्रो के संचालन में भी अड़चन पैदा हो रही है। इससे फेज चार में देरी हो रही है। मंत्रालय जरूरत पड़ने पर दिल्ली मेट्रो को खुद चला लेगा।
लास्ट माइल कनेक्टिविटी पर हो रहा काम
केंद्रीय आवास व शहरी विकास सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने बताया कि दिल्ली वालों को आखिरी मंजिल तक पहुंचाने के साथ डीएमआरसी के साथ एक कॉरपोरशन का गठन किया गया है। सोमवार को भी इसकी बैठक हुई थी। इसमें अलग-अलग तरह के वाहनों को चलाने की योजना पर विचार हो रहा है।
योजना करीब एक हजार ई-वाहन सड़क पर उतारने की है। इसमें फीडर, मिनी बस व ई-रिक्शा शामिल होंगे। मार्च के आखिर तक योजना तैयार हो जाएगी। इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी।
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