यदि किसी मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाता है तो उसकी पूरी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को साप्ताहिक आधार पर देनी होगी। यहीं नहीं रात के समय आपातकालीन विभाग में सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अस्पताल के प्रमुख दौरा करेंगे। व्यवस्था पर नजर रखेंगे।
दिल्ली सरकार के अस्पताल में इलाज कराने जा रहे मरीजों को अब वापस नहीं भेजा जा सकेगा। यदि किसी मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाता है तो उसकी पूरी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को साप्ताहिक आधार पर देनी होगी। यहीं नहीं रात के समय आपातकालीन विभाग में सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अस्पताल के प्रमुख दौरा करेंगे। व्यवस्था पर नजर रखेंगे।
दरअसल बीते दिनों छेड़छाड़ एक आरोपी को पुलिस गंभीर अवस्था में जग प्रवेश, जीटीबी, लोकनायक और डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में लेकर गई। लेकिन किसी भी अस्पताल में मरीज को भर्ती नहीं किया गया। पुलिस पूरी रात मरीज को लेकर घूमती रही और मरीज से इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। मरीज की मौत के बाद विभाग ने इस मामले में जांच की और जीटीबी अस्पताल में तैनात ऑन ड्यूटी डॉक्टर की सेवा समाप्त कर दी। इसके अलावा अस्पताल के प्रमुख को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
भविष्य में दूसरे अस्पतालों में ऐसी घटना फिर नहीं हो। इसे लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव ने उच्च स्तरीय बैठक की। इसमें सभी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक व उप चिकित्सा अधीक्षक मौजूद रहे। इसमें अस्पताल में इलाज कराने आ रहे मरीजाें की सुविधा पर चर्चा की गई। साथ ही उन कर्मियों को दूर करने का रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया गया।
मरीजों का होगा वर्गीकरण
मरीजों को रेफर करने से पहले अस्पताल को बताना होगा कि मरीज गंभीर या गैर-गंभीर श्रेणी में है। बैठक के बाद जारी हुए आदेश में विशेष स्वास्थ्य सचिव दानिश अशरफ ने लिखा कि किसी भी मरीज को रेफर करने से पहले उसकी पर्ची पर यह स्पष्ट करना होगा कि मरीज की हालत कैसी है। मरीज गंभीर या गैर गंभीर की श्रेणी में आता है। साथ ही अस्पताल मरीजों का वर्गीकरण करके रिपोर्ट भी तैयार करेगा।
अक्सर देखा गया है कि छोटे अस्पताल सुविधा नहीं होने की स्थिति में मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर कर देते हैं। इसके अलावा अन्य अधिकारी ने कहा कि ऐसी व्यवस्था भी की जा रही है कि मरीज को रेफर करने से पहले संबंधित अस्पताल को इसकी जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी जिससे मरीज के पहुंचने से पहले उसकी गंभीरता के आधार पर व्यवस्था हो। यदि उक्त अस्पताल में भी वह सुविधा नहीं हैं तो रेफर करने से पहले दूसरे अस्पताल का चयन किया जाएगा। ऐसा करने से मरीज को उन्हीं अस्पताल में भेजा जाएगा जहां पर सुविधा होगी। इससे मरीज का समय बचेगा।
सचिव को देंगे पूरी रिपोर्ट
रेफर किए गए मरीजों की जानकारी अस्पताल तैयार करेंगे। इस रिपोर्ट में रेफर किए गए अस्पताल की जानकारी, कुल मामले, मरीज की स्थिति गंभीर या गैर-गंभीर की जानकारी देनी होगी। यह रिपोर्ट साप्ताहिक आधार पर तैयार होकर स्वास्थ्य विभाग को सौंपी जाएगी।
रात में दौरा करेंगे अस्पताल प्रमुख
आपातकालीन विभाग में मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए सभी अस्पताल के प्रमुख दिन के साथ रात के समय में भी अस्पताल का दौरा करेंगे। सूत्रों की माने तो विभाग को शिकायत मिली है कि रात के समय में अधिकतर अस्पताल में सीनियर मौके पर मौजूद नहीं रहते हैं। जूनियर रेजिडेंट व सीनियर रेजिडेंट स्थिति को सही से संभाल नहीं पाते। ऐसे में प्रमुख के दौरे से सीनियर स्टाफ भी रात की पाली में मौजूद रहेगा।
स्टाफ को किया जाएगा जागरूक
आदेश में कहा गया है कि सभी चिकित्सकों, पैरा-मेडिक्स और परिचारकों को मरीजों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करने के लिए जागरूक किया जाएगा। इन्हें जागरूक करने के लिए अस्पताल के प्रमुख प्रयास करेंगे। अक्सर रात के समय डॉक्टरों व स्टाफ के साथ किसी कारण से झगड़े होने की खबरें आती हैं। इन्हें व्यवहार को बेहतर बनाकर सुधारा जा सकता है।