मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज की दिल्ली में 5600 से ज्यादा स्कूल हैं। पिछले छह साल से लगभग 25 प्रतिशत शिक्षा के लिए रखा जाता है। सरकारी स्कूल के बच्चों ने मेडिकल और इंजीनियरिंग के प्रतियोगी परीक्षाओं में पास हुए। दिल्ली सरकार अब अपना शिक्षा बोर्ड शुरू करने जा रही है जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर बनेगी और बच्चों की पढ़ाई भी उन्हीं मानकों के आधार पर होगी।
इसके साथ ही ‘वर्चुअल दिल्ली’ की थीम पर ऐसा स्कूल बनाया जाएगा जिसमें पढ़ाई चार दीवारों में नहीं बल्कि ऑनलाइन होगी और इसमें दिल्ली के बाहर के बच्चे भी पढ़ सकेंगे जो दिल्ली मॉडल के अनुसार पढ़ना चाहते हैं। पूरे देश से बच्चे इस वर्चुअल स्कूल से जुड़ सकेंगे।
दिल्ली के 11-12वीं के बच्चों को बिजनेस आइडिया के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसका आइडिया अच्छा होगा उसे 2000 रुपये देकर प्लान तैयार करने को कहा जाएगा. विजेताओं का सम्मान होगा और प्रदर्शनी भी लगेगी.
– दिल्ली में नर्सरी से आठवीं तक नया कोर्स आएगा, दिल्ली का अपना बोर्ड बनाया जाएगा. प्राइमरी से ही बच्चों को रटने की बजाय उसे बदलकर बच्चों को समझाने पर फोकस किया जाएगा.
– दिल्ली में करीब सौ स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा. जिसमें नौवीं से बारहवीं क्लास तक के स्कूल शामिल किए जाएंगे.
– दिल्ली में बच्चों को इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स कराया जाएगा, ताकि उन्हें नौकरी के लिए तैयार किया जाए.
– दिल्ली सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के लिए 16 हजार करोड़ से अधिक बजट पेश किया है.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
