रोजगार के नए अवसर पैदा करने की दिशा में दिल्ली सरकार ने कदम उठाया है। सरकार ने रानीखेड़ा में 147 एकड़ में ईको फ्रेंडली औद्योगिक हब बनाने का निर्णय लिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
हब बनाने के लिए डीडीए से जमीन ली जा रही है। यहां पर आईटी, आईटीईएस और रिसर्च जैसी सर्विस इंडस्ट्री स्थापित की जाएंगी। संभावना है कि इसमें कई क्लस्टर होंगे, जहां मल्टीलेवल इमारतें बनेंगी।
सरकार रियायती दर पर जमीन देगी और इसके विकसित होने पर यहां पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद अब फाइल एलजी के पास भेजी गई है। दिल्ली सरकार ने रानीखेड़ा में नया औद्योगिक हब विकसित करने की जिम्मेदारी डीएसआईआईडीसी को सौंपी है।
सरकार का कहना है कि यहां सभी आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके विकास के दौरान हर बुनियादी बातों का ध्यान रखा जाएगा। इंडस्ट्री लगाने के लिए दिल्ली और बाहर के लोग भी रियायती दर पर जमीन ले सकेंगे, चूंकि यह पूरी तरह से पर्यावरण अनुकूल औद्योगिक केंद्र होगा इसलिए यहां ऐसी इंडस्ट्री के लिए ही जमीन का आवंटन किया जाएगा, जो किसी तरह से प्रदूषण पैदा न करे। लिहाजा, अधिकतर सर्विस सेक्टर से जुड़ी इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा। हब विकसित करने का उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना और दिल्ली को एक विनिर्माण केंद्र में तब्दील करना है।
विकास दो चरणों में होगा
औद्योगिक हब का विकास दो चरणों में किया जाएगा। यहां पर एक स्मार्ट इंटीग्रेटेड आईटी पार्क विकसित किया जाएगा, जिसमें कई बिल्डिंग ब्लॉक्स होंगे, जो पूरी तरह प्रदूषण रहित होंगे। इसमें आईटी, आईटीईएस, मीडिया, बॉयोटेक्नोलॉजी, रिसर्च एंड इनोवेशन हब समेत अन्य इंडस्ट्री स्थापित की जाएंगी। सीएम ने समयसीमा के अंदर इसे पूरा करने के लिए कहा है। इसके लिए संबंधित विभाग को आवश्यक प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
एलजी के पास भेजी गई फाइल
फाइल को एलजी से मंजूरी मिलने के बाद आगे की प्रकिया शुरू की जाएगी। सरकार का प्रयास है कि औद्योगिक हब का विकास कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाए, ताकि रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकें।