दिल्ली और इसके पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब व राजस्थान को मानसून की पहली बारिश का इंतजार जुलाई तक करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने कहा है कि अभी दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तरी क्षेत्र में बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से गुजर रहा है।
मौसम विभाग का कहना है कि हवाओं के रुख को देखते हुए लग रहा है कि अगले एक सप्ताह तक उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली व पंजाब के शेष इलाकों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के पहुंचने के आसार नहीं हैं।
हालांकि, जून के आखिरी हफ्ते में हल्की से मध्यम स्तर तक की बारिश हो सकती है। देशभर में मानसून सीजन के दौरान अब तक 28 फीसदी अधिक बारिश हुई है। 23 जून तक देशभर में 145.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि इसका सामान्य स्तर 114.2 मिमी है।
बारिश न होने के कारण उत्तर-पश्चिम भारत व मध्य भारत में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक पारा बढ़ने की भी संभावना है। प्रादेशिक मौसम विभाग के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक, पश्चिमी दिशाओं की ओर से आने वाली हवाओं के कारण मानसून में देरी का इंतजार जून के अंत तक खत्म हो सकता है।
दिल्ली में पारा 40 डिग्री के पार, जून अंत तक बारिश की उम्मीद नहीं
दिल्ली में 13 दिन के अंतराल के बाद बुधवार को पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि राजधानी में जून के अंत तक मॉनसून की बारिश होने की संभावना नहीं है और तब तक अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि लू चलने का अनुमान नहीं है। आईएमडी के अनुसार, मॉनसून केरल में दो दिन देर से पहुंचा और इसके बाद पूर्वी, मध्य और उत्तर पश्चिमी भारत में सामान्य से सात से 10 दिन पहले वर्षा हुई।
विभाग ने बताया कि दिल्ली, राजस्थान के कुछ इलाकों, हरियाणा और पंजाब में जून के अंत तक बारिश होने की संभावना नहीं है। श्रीवास्तव ने कहा कि 26 जून को दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश हो सकती है। ‘स्काईमेट वेदर’ के महेश पालावत ने कहा कि जून के अंत तक दिल्ली में मॉनसून की बारिश होने की उम्मीद है।