दिल्ली में समस्याओं का अंबार: आरके पुरम विधानसभा में अलग-अलग मुद्दे

आरके पुरम विधानसभा के सेक्टर सात के सोनिया गांधी कैंप में रहने वाले लोगों ने अपनी-अपनी समस्याएं बताई हैं। आरके पुरम सेक्टर तीन, पांच, आठ से लेकर 13 में सरकारी कॉलोनियां हैं। यही नहीं, चार गांव भी हैं।

दो दिन की हल्की बारिश के बाद खिली धूप के बीच राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे। चौक-चौराहों पर सर्द मौसम में चुनावी चर्चा भी गर्म रही। लोग एक-दूसरी पार्टी की कमियां गिनवा रहे हैं। जबकि कुछ लोग काम की राजनीति पर भी चर्चा करते हुए सुनाई दे रहे हैं। इन चर्चाओं में अधिकतर महिलाएं शामिल हैं। यह नजारा है आरके पुरम विधानसभा के सेक्टर सात के सोनिया गांधी कैंप का।

इस विधानसभा की खास बात यह है कि यहां गांव, सरकारी कॉलोनी से लेकर पॉश कॉलोनी व झुग्गी बस्ती भी है। लिहाजा हर इलाके के अलग-अलग मुद्दे और शिकायतें हैं। कैंप में बारिश से सड़कों पर जल जमाव आम दिखा। कूड़े की बदबू से पूरा इलाका बदहाल है। गांवों व कॉलोनियों के साथ झुग्गी बस्तियों की गलियां टूटी हैं। नालियों से सीवर का पानी ओवरफ्लो हो रहा है। यही स्थिति रविदास कैंप, एकता विहार कैंप की भी है।

जैसे ही चुनावी बातें आगे बढ़ती हैं वैसे ही रीना यादव जोर देकर कहती हैं कि अन्य स्थानों पर बारिश के समय पानी भरता होगा, लेकिन यहां 12 महीने दिक्कत है। वह नाराजगी के साथ बताती हैं कि यहां शौचालय की सुविधा नहीं है। ऐसे में महिलाओं को शौच के लिए करीब दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।

मामले को भांपते हुए साथ में खड़ी प्रिया कहती हैं कि यहां पीने के पानी भी समस्या अधिक है।

प्रमुख इलाके व मुद्दे
विधानसभा में आरके पुरम सेक्टर तीन, पांच, आठ से लेकर 13 में सरकारी कॉलोनियां हैं। जबकि आनंद निकेतन, सत्या निकेतन, वसंत विहार जैसे पॉश इलाके भी शामिल हैं। यही नहीं, चार गांव भी हैं। इसमें मुनिरका गांव, वसंत गांव मोहम्मदपुर गांव और मोती बाग गांव हैं। ऐसे में सरकारी कॉलोनियों में पेड़ों की छंटाई की समस्या है। जबकि, पॉश इलाकों में सुरक्षा का मुद्दा अहम है। वहीं, झुग्गी बस्तियों में साफ-सफाई से लेकर पीने के पानी की समस्या अधिक है।

आप-भाजपा को हैट्रिक और कांग्रेस को चौके का इंतजार : यह विधानसभा कांग्रेस की गढ़ रही है। 1998 से लेकर 2008 तक यह सीट कांग्रेस के कब्जे में थी। ऐसे में इस बार कांग्रेस यहां से चौका लगाने की फिराक में है। जबकि, 1993 में बोध राज और 2013 में भाजपा के अनिल कुमार ने यह सीट जीती थी, लेकिन वह महज 15 महीने तक ही विधायक रह पाए।

ऐसे में इस बार भाजपा को हैट्रिक का इंतजार है। उधर, आप यहां 2015 से काबिज है। जिसे प्रमिला टोकस ने जीता था। ऐसे में आप को भी तीसरी जीत का इंतजार है। इस बार आप ने एक बार फिर मौजूदा विधायक को टिकट दिया है। वहीं, भाजपा ने पूर्व विधायक अनिल कुमार शर्मा पर भरोसा जताया है।

मेट्रो रूट से दूर इस इलाके में देर शाम के बाद ऑटो वाले जाने को तैयार नहीं होते। ऐसे में यहां सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर होनी चाहिए। -राजू वर्मा, निवासी, सोनिया गांधी कैंप

झुग्गी बस्ती व गांवों में पेयजल की गंभीर समस्या है। यही नहीं सीवर की समस्या से भी लोग परेशान हैं। कई बार विधायक के पास इसकी शिकायत लेकर गए हैं, लेकिन कुछ समाधान नहीं हुआ है। -सोमी, निवासी, सोनिया गांधी कैंप

यहां शौचालय की सुविधा तक नहीं है। ऐसे में महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही, सुरक्षा व्यवस्था प्रमुख मुद्दा है। शाम के वक्त महिलाएं घर से निकलने में खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। -आशा, निवासी, सोनिया गांधी कैंप

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