बदायूं शहर की बाबा कॉलोनी में ठेकेदार विनोद कुमार के बेटे आयुष (13) और अहान (06) की हत्या के पांच दिन बाद भी वारदात की कोई ठोस वजह सामने नहीं आ पाई है। अलबत्ता, पुलिस की छानबीन में यह जरूर पता चला है कि बरेली में समर्पण से पहले जावेद ने ही अपना वीडियो बनवाकर वायरल कराया था।
दरअसल, जावेद को डर था कि कहीं पुलिस साजिद की तरह उसका भी एनकाउंटर न कर दे, इसलिए वह पूरी प्लानिंग के साथ समर्पण करने आया था। वीडियो वायरल कराना भी उसकी प्लानिंग का ही हिस्सा था। इसमें उसने न सिर्फ खुद को बेकसूर बताया, बल्कि अपनी बेगुनाही के तमाम सबूत होने की भी बात कही।
वीडियो वायरल होने के बाद ही वह बरेली सेटेलाइट पुलिस चौकी पर समर्पण करने पहुंचा था। जावेद बदायूं से भागने के बाद एक रात सहसवान अपनी ससुराल में रुका और फिर दिल्ली चला गया। दरअसल, जावेद के पिता बाबू अच्छे हेयर ड्रेसर हैं।
उन्होंने कई युवकों को काम सिखाया है। इनमें से कई दिल्ली में अपना सैलून भी चला रहे हैं। दिल्ली पहुंचने के बाद जावेद अपने पिता के इन्हीं शार्गिदों के पास रुका था और वहीं रहकर उसने बरेली में समर्पण करने की योजना बनाई थी।
क्राइम ब्रांच करेगी एनकाउंटर के मामले की विवेचना
आरोपी साजिद के खिलाफ एनकाउंटर के मुकदमे की विवेचना अब क्राइम ब्रांच करेगी। एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि 19 मार्च की शाम आरोपी साजिद दोनों बच्चों की हत्या करके इकलहरी मुजाहिदपुर होते हुए शेखूपुर के जंगल की ओर भागा था। लोगों की सूचना पर पुलिस भी उसके पीछे लगी थी।
शेखूपुर के जंगल में उसे रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन उसने पुलिस पर ही फायरिंग कर दी थी। जवाबी फायरिंग में साजिद मारा गया था। इस संबंध में एसआई सुमित कुमार की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
अब इसकी विवेचना क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि यह भी हो सकता है कि साजिद बीमार न हो, जावेद ने पुलिस से झूठ बोला हो। सभी तथ्यों की गहनता से छानबीन करने के लिए यह विवेचना कराई जा रही है।
इस मामले की लगातार छानबीन कराई जा रही है। दोनों हत्यारोपियों की कॉल डिटेल खंगाली गई है, लेकिन अभी उसमें कोई ऐसा मोबाइल नंबर नहीं मिला है और न ही किसी से लगातार बात हुई है। जैसा कि जावेद ने बताया था कि साजिद मानसिक रूप से बीमार था। उसने यह भी बताया था कि वह कुछ ऐसे लोगों के संपर्क में था, जो तंत्र क्रिया करते थे। सभी पहलुओं पर छानबीन के बाद ही कोई नतीजा निकलेगा। – आलोक प्रियदर्शी, एसएसपी
बदायूं के सिविल लाइंस थाना इलाके की बाबा कॉलोनी में 19 मार्च की शाम ठेकेदार विनोद ठाकुर के बेटे आयुष (13) और अहान उर्फ हनी (06) की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। घटना को जिले के ही अलापुर थाना क्षेत्र के कस्बा सखानूं निवासी साजिद और उसके भाई जावेद ने अंजाम दिया था। दोनों विनोद के घर के सामने ही हेयर सैलून चलाते थे।
साजिद चाकू लेकर विनोद के घर में घुस गया था और उनके दोनों बच्चों को गला रेतकर मार डाला था। मझले बेटे पीयूष पर भी हमला किया था, लेकिन वह बच निकला था। मुख्य आरोपी साजिद पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था, लेकिन जावेद भाग गया था। जावेद ने बृहस्पतिवार सुबह बरेली में नाटकीय ढंग से पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।
साजिद और जावेद की कॉल डिटेल से खुलेंगे कई राज
दोनों हत्यारोपियों की कॉल डिटेल महत्वपूर्ण साक्ष्य बन सकती है। इससे घटना के खुलासे में भी काफी मदद मिलेगी। हत्याकांड वाले दिन दोनों आरोपियों ने मोबाइल पर किस-किस से बात की थी। किसके संपर्क में थे। यह तथ्य है। पुलिस ने कुछ कॉल डिटेल निकलवाई भी हैं, लेकिन इस संंबंध में पुलिस कुछ बताने को तैयार नहीं। पुलिस ने इसे विवेचना का पार्ट बताते हुए गोपनीय रखा है।
बाबा कॉलोनी में तैनात रहेगा अर्द्धसैनिक बल
दो बच्चों की हत्या के बाद शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। खासकर बाबा कॉलोनी की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। बाबा कॉलोनी में इंस्पेक्टर वजीरगंज राकेश कुमार, इंस्पेक्टर कुंवरगांव राजेंद्र बहादुर सिंह, इंस्पेक्टर मूसाझाग मनोज कुमार समेत कई थानों की पुलिस और अर्द्धसैनिक बल भी तैनात कर दिया गया था।
शनिवार को इलाके के हालात देखते हुए कॉलोनी से पुलिस बल हटा लिया गया, लेकिन अर्द्धसैनिक बल अभी तैनात रहेगा। सीओ सिटी आलोक मिश्रा और सिविल लाइंस इंस्पेक्टर गौरव बिश्नोई लगातार बाबा कॉलोनी में भ्रमण कर रहे हैं। फिलहाल कॉलोनी में शांति व्यवस्था का माहौल है।