दिल्ली में अब ज्यादातर चीजें खुल चुकी हैं। सात सितंबर से दिल्ली मेट्रो भी रफ्तार भरने को तैयार है। इस बीच कोरोना एक बार फिर आक्रामक होता दिख रहा है। इस वजह नए मामले एक बार फिर ढाई हजार के पार पहुंच गए।
मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Delhi AIIMS Director Randeep Guleria) ने इसे दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर बताया है।
उन्होंने कहा कि जून में संक्रमण चरम पर पहुंचने के बाद जुलाई में मामले कम हो गए थे। एक समय नए मामले एक हजार के नीचे आ गए थे, जो एक बार फिर ढाई हजार के पार पहुंच गए। इसलिए पहले की तरह आक्रामक तरीके से रोकथाम के लिए कार्रवाई करनी होगी।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन शुरू हुआ था तो लोगों ने इस बीमारी को गंभीरता से लिया था। अब लोग इसे हल्के में लेने लगे हैं। इसलिए अब पहले की तरह मास्क लगाने, बार-बार हाथ धोने के नियम का पालन नहीं कर रहे। बाजार में शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में संक्रमण और फैलेगा।
त्योहार का सीजन भी है। इसलिए लोग खरीदारी के लिए भी निकलेंगे। इस वजह से मामले बढ़ भी सकते हैं, लेकिन यह भी समझने की जरूरत है कि हम महामारी के बीच में हैं, इसलिए पहले की तरह सतर्क रहना जरूरी है।
- बचाव के नियमों का पालन करते हुए अपना काम करना है। साथ ही यह योजना भी बनानी पड़ेगी कि अब जब सभी चीजें खुल रही हैं, तो कोरोना की रोकथाम कैसे की जाए। इसके लिए अधिक से अधिक जांच कर संक्रमित लोगों की पहचान करनी होगी।
- पॉजिटिव पाए गए लोगों को आइसोलेशन में रखना होगा। साथ ही अधिक से अधिक कंटेनमेंट जोन बनाकर रोकथाम के लिए अभियान चलाना होगा।
- पहले की तरह आक्रामक तरीके से सरकार-प्रशासन को रोकथाम के लिए कार्रवाई करनी होगी।
- पहले की तरह मास्क लगाने के साथ बार-बार हाथ धोने के नियम का पालन करना होगा।
- शारीरिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन जरूरी हो गया है।
- कंटेनमेंट जोन में सख्ती के साथ जांच में तेजी लानी होगी।
वहीं, पिछले दिनों कई विशेषज्ञ यह दावा कर रहे थे कि दिल्ली में दूसरी लहर नहीं आएगी, क्योंकि दिल्ली में करीब एक तिहाई लोगों में एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है। डॉक्टर गुलेरिया ने पहले भी आगाह किया था कि यदि बचाव के नियमों का ठीक से पालन नहीं हुआ, तो मामले दोबारा बढ़ सकते हैं।
आंकड़े भी बताते हैं कि अगस्त के पहले सप्ताह के बाद मामले बढ़ते जा रहे हैं। अगस्त के पहले सप्ताह में 7125 मामले आए थे, जबकि चौथे सप्ताह में यह आंकड़ा 10,808 पर पहुंच गया। वहीं पिछले पांच दिन में ही 10,157 मामले आ चुके हैं।