दिल्ली में कोरोना के नए मामलों में कमी आने के बावजूद कंटेनमेंट जोन बढ़े हैं। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कंटेनमेंट जोन नीति में बदलाव करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लोगों की परेशानी को कम करने के लिए केंद्र को कंटेनमेंट जोन के नियमों में बदलाव करना चाहिए। पूरे देश में एक ही तरह के नियम नहीं होने चाहिए, बल्कि स्थानीय जरूरतों के मुताबिक अलग-अलग नियम तय किए जाने चाहिए।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में संक्रमण काफी हद तक नियंत्रित हुआ है। इसलिए उन्होंने कंटनेमेंट जोन के लिए समय सीमा अधिकतम 15 दिन तय करने की सिफारिश की है। मौजूदा समय में दिल्ली में 704 कंटेनमेंट जोन हैं।
सीरो सर्वे में 24 फीसद लोगों में एंटीबॉडी पाई गई
उन्होंने कहा कि कहा कि सीरो सर्वे में करीब 24 फीसद लोगों में एंटीबॉडी पाई गई, यानी ये लोग संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं। आगामी सर्वे में यह संख्या 35 से 40 फीसद तक पहुंच सकती है। इसलिए कंटनेमेंट जोन के नियमों की समीक्षा किए जाने की जरूरत है। दरअसल अभी 28 दिन तक कोई संक्रमित नहीं मिलने पर ही कंटेनमेंट जोन को खत्म करने का प्रावधान है।
अस्पतालों में 80 फीसद बेड खाली
जैन ने कहा कि मौजूदा समय में अस्पतालों में 80 फीसद बेड खाली हैं। देश के ज्यादातर हिस्सों में संक्रमण दर बढ़ी है, जबकि सिर्फ दिल्ली में कमी आई है। हालांकि, इस वायरस के बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल है। इसलिए संक्रमितों के इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था करना जरूरी है। इसमें मृत्यु दर को कम करना सबसे महत्वपूर्ण है। दिल्ली सरकार ने होम आइसोलेशन में रहने वाले करीब 24 हजार लोगों को पल्स ऑक्सीमीटर वितरित किए हैं। इससे काफी लोगों की जिंदगी बची।
बता दें कि दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण स्थिर नजर आ रहा है। इस वजह से पिछले एक सप्ताह में प्रतिदिन 950 से 1350 के बीच नए मामले आए हैं। इससे ज्यादा नए मामले नहीं बढ़ पाए। वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में अब तक एक लाख 29 हजार 531 मामले आ चुके हैं। जिसमें से एक लाख 13 हजार 68 लोग ठीक हो चुके हैं।