लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इन परियोजनाओं को तब तक स्थगित करने का फैसला किया है, जब तक कि दिल्ली सरकार के वित्त विभाग से आवश्यक फंड के लिए सैद्धांतिक मंजूरी नहीं मिल जाती।
राजधानी को जाम मुक्त करने की बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजनाएं धन की कमी के कारण फाइलों में सिमट गई हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इन परियोजनाओं को तब तक स्थगित करने का फैसला किया है, जब तक कि दिल्ली सरकार के वित्त विभाग से आवश्यक फंड के लिए सैद्धांतिक मंजूरी नहीं मिल जाती।
अधिकारियों का मानना है कि ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर, नार्थ साउथ कॉरिडोर, सिग्नेचर ब्रिज से डीएनडी तक रिंग रोड हाईवे और अरबिंदो मार्ग पर आइआइटी से महरौली तक पौने तीन किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर दिल्ली में आवागमन में मील का पत्थर साबित होंगी। इन परियोजनाओं का खाका कई साल पहले ही तैयार कर लिया गया था, लेकिन विभिन्न कारणों से यह परियोजनाएं फाइलों में सिमट कर रह गई हैं।
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भारी मात्रा में फंड की जरूरत होगी। ऐसे में इन परियोजनाओं को तभी आगे बढ़ाया जाएगा जब फंड की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी, अन्यथा उन्हें छोड़ दिया जाएगा।
दो परियोजनाओं में 10 हजार करोड़ से अधिक होंगे खर्च
नार्थ साउथ कॉरिडोर और ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर को पूरा करने के लिए 10 हजार करोड़ से अधिक की लागत आने का अनुमान है। नार्थ साउथ कॉरिडोर यह जखीरा से शुरु होकर आईजीआई एयरपोर्ट के पश्चिमी तरफ अर्बन एक्सटेंशन रोड -2 पर समाप्त होगा। इसकी लंबाई 19 किलोमीटर है। इसमें दो टनल और एक एलिवेटेड कॉरिडोर है।
इसके निर्माण में 6,500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसकी मदद से उत्तरी दिल्ली के रहने वालों लोगों को बिना रुकावट दक्षिणी की तरफ जा सकेंगे। वहीं ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर कई वर्षों से लंबित है। यह कॉरिडोर आनंद विहार और टिकरी बॉर्डर के बीच प्रस्तावित है। न्यू पटपड़गंज रोड, नोएडा लिंक रोड, रिंग रोड, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग और अन्य से गुजरने वाले इस कॉरिडोर में टनल और एलिवेटेड दोनों हिस्से शामिल हैं। इस परियोजना की लागत 4,100 करोड़ रुपये आंकी गई है। पूर्वी दिल्ली को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को जोड़ने के चलते यह योजना और अधिक महत्वपूर्ण है।
यह परियोजनाएं भी हैं लंबित
उक्त दो परियोजनाओं के अलावा रिंग रोड पर वाहन चालकों को जाम से राहत देने के लिए सिग्नेचर ब्रिज से डीएनडी तक रिंग रोड हाईवे बनाने की योजना भी लंबित है। परियोजना का करीब छह किलोमीटर हिस्सा डबल-डेकर होगा। डबल-डेकर फ्लाईओवर के ऊपर के भाग में तेज रफ्तार बड़े वाहन चलेंगे। जबकि नीचे के भाग में कम रफ्तार वाले वाहन चलेंगे।
इसके बनने से रिंग रोड पर कश्मीरी गेट बस अड्डे से लेकर मैटकाफ हाउस और मजनूं का टीला तक वाहन चालकों को जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं दक्षिणी दिल्ली के अरबिंदो मार्ग पर आइआइटी के पास रिंग रोड फ्लाईओवर के नीचे अंडरपास बनेगा। फ्लाईओवर के नीचे लालबत्ती हटाने के लिए यह करीब 400 मीटर लंबा छह लेन का अंडरपास होगा। इससे करीब 200 मीटर की दूरी पर मदर इंटरनेशनल स्कूल से पौने तीन किलोमीटर लंबा छह लेन वाला कॉरिडोर बनाया जाएगा। इससे वहां रोजाना जाम में फंसने वाले वाहन चालकों को राहत मिलेगी।