पीडब्ल्यूडी ने निर्माण कंपनी को 500 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा है। कंपनी से कहा गया है कि वह सभी कमियों को जल्द से जल्द दूर करे।
प्रगति मैदान टनल में खामियों को लेकर पीडब्ल्यूडी ने कार्यदाई संस्था एलएंडटी (लार्सन एंड टूब्रो) को नोटिस जारी किया है। पीडब्ल्यूडी ने निर्माण कंपनी को 500 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा है। कंपनी से कहा गया है कि वह सभी कमियों को जल्द से जल्द दूर करे। इससे पहले वह टोकन अमाउंट के तौर पर कम से कम 500 करोड़ रुपये जमा करे। विभागीय अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि कंपनी भैरव मार्ग के नजदीक अहम अंडरपास (अंडरपास संख्या-5) के पूर्ण निर्माण में भी नाकाम रही है।
सुरंग सड़क का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 जून 2022 काे किया था। उद्घाटन के कुछ समय के बाद से लगातार इसमें पानी का रिसाव हो रहा है। सुरंग की दीवारों पर बने आकर्षक चित्र भी खराब हो रहे हैं। गत 17 जनवरी को एलजी वीके सक्सेना ने प्रगति मैदान सुरंग सड़क का निरीक्षण किया था। एलजी ने पाया था कि सुरंग की सड़क में जल जमाव और रिसाव की समस्या है। इससे नाराज एलजी ने कार्यदाई कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने एलएंडटी को नोटिस जारी किया है। एलजी ने इससे पहले अगस्त 2023 और सितंबर 2023 में भी सुरंग का निरीक्षण किया था। इस मामले में एलएंडटी कंपनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कंपनी की तरफ से कहा गया है कि वह पीडब्ल्यूडी के खिलाफ 500 करोड़ रुपये का काउंटरक्लेम कर रही है। इसका मसौदा तैयार कर लिया गया है।
टनल में मिलीं खामियों का ब्याेरा
टनल में कई जगहों पर पानी का रिसाव हो रहा है। कंक्रीट की सतह के नीचे से भारी मात्रा में भूजल का रिसाव। पानी निकालने के लिए कई स्थानों पर नाली काटनी पड़ी है। जल निकासी प्रणालियों में खामियां हैं। सुरंग, अंडरपास के साथ-साथ विभिन्न स्थानों पर कंक्रीट सीमेंट की सतह में बड़ी दरारें है। समझौते के विपरीत सुरंग, अंडरपास का दिन-प्रतिदिन का रखरखाव खराब है।
2017 में जारी किया गया था टेंडर
बता दें कि प्रगति मैदान टनल केंद्र सरकार की वित्त पोषित परियोजना थी जिसका काम दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग द्वारा किया गया था। परियोजना पर कुल लागत 777 करोड़ रुपये आई थी। एलएंडटी ने ईपीसी अनुबंध के रूप में काम किया। उस पर डिजाइन के साथ-साथ निष्पादन की जिम्मेदारी थी। इस परियोजना के लिए साल 2017 में टेंडर जारी किए गए थे और 2019 में इसका निर्माण पूरा होना था। हालांकि, परियोजना देरी से पूरा हुआ। यह 1.3 किलोमीटर लंबा टनल है। इससे जुड़े अंडरपास इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर बनाए गए थे कि इससे भैरव मार्ग, रिंग रोड और मथूरा रोड सिग्नल फ्री हो जाएंगे।