वाहनों को सिर्फ सार्वजनिक स्थान पर पार्क किए जाने या सड़कों पर चलते समय ही जब्त किया जाएगा। इसके साथ ही यदि वाहन को पहली बार जब्त किया जाता है तो जुर्माना और तय शर्तें पूरे करने के बाद छुड़ाने का मौका दिया जाएगा।
राजधानी में मियाद पूरी कर चुके वाहनों को निजी पार्किंग से जब्त नहीं किया जाएगा। वाहनों को सिर्फ सार्वजनिक स्थान पर पार्क किए जाने या सड़कों पर चलते समय ही जब्त किया जाएगा। इसके साथ ही यदि वाहन को पहली बार जब्त किया जाता है तो जुर्माना और तय शर्तें पूरे करने के बाद छुड़ाने का मौका दिया जाएगा।
वहीं, दूसरी बार जब्त किए जाने पर वाहन को स्क्रैप कर दिया जाएगा। मंगलवार को दिल्ली परिवहन विभाग ने 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के स्क्रैपिंग प्रक्रिया को लेकर नया दिशा निर्देश जारी किया है।
दिल्ली परिवहन विभाग ने अपने दिशा-निर्देश में कहा है कि पुराने वाहन सड़क पर या सार्वजनिक स्थान से पहली बार जब्त किया जाता है तो उसे छुड़ा सकते है। बशर्ते वाहन मालिक को कुछ शर्तें पूरी करनी होगी। जिसमें उन्हें एक शपथ पत्र देना होगा कि वह भविष्य में वाहन को किसी सार्वजनिक जगह पार्क नहीं करेंगे और ना ही उसे दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर चलाएंगे।
दूसरा वाहन का आरसी जमा करना होगा। अगर वाहन को दूसरे राज्य में ले जाना है तो उसकी अनापत्ति प्रमाण पत्र भी विभाग से लेकर दिखाना होगा। साथ ही चार पहिया वाहन है तो 10 हजार रुपये और दोपहिया वाहन तो 5 हजार रुपये का जुर्माने के साथ उसका टो चार्ज भी देना होगा। उसके बाद वाहन दिया जाएगा।
कोर्ट के आदेश के बाद जारी किए दिशा-निर्देश
गत वर्ष पुराने वाहनों पर हो रही गड़बड़ियों को लेकर कई मामले कोर्ट पहुंचे थे। इसके बाद कोर्ट ने परिवहन विभाग को नया दिशा निर्देश बनाने का आदेश दिया था। नए दिशा निर्देशों के मुताबिक सिर्फ सार्वजनिक स्थानों से ही वाहनों पर कार्रवाई होगी। वाहन जब्त करने के साथ ही वाहन मालिक को उसकी जानकारी देने के साथ,उसकी रोजाना एक रिपोर्ट पर्यावरण विभाग को भी भेजना होगा।
सांख्यिकी हैंडबुक-2023 के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1.40 लाख से अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप किया गया। वहीं, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4,923 अपंजीकृत वाहनों को स्क्रैप किया गया। जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4,923 वाहन स्क्रैप किए गए। वित्त वर्ष 2022-23 में कम से कम 54,95,838 (54.95 लाख) अधिक उम्र वाले वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया है। वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में क्रमशः 10 और 15 साल से अधिक पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
28 पार्किंग में जल्द शुरू होगी फास्टैग से भुगतान की सुविधा
दिल्ली नगर निगम ने शहर के नौ क्लस्टरों में 28 पार्किंग स्थलों पर फास्टैग आधारित पार्किंग प्रणाली लागू करने के लिए निविदा आमंत्रित की है। चयनित एजेंसी मासिक लाइसेंस शुल्क के आधार पर फास्टैग से संचालन, प्रबंधन और पार्किंग शुल्क इकट्ठा करेगी।
तीन साल के लिए इन सभी पार्किंग स्थलों का आवंटन होगा, जिसे आपसी सहमति से दो साल के लिए बढ़ाया जा सकेगा। इस तरह स्वचालित पार्किंग प्रणाली से लोगों को पार्किंग शुल्क का भुगतान करने में आसानी होगी, क्योंकि इससे पार्किंग शुल्क आरएफआईडी आधारित फास्टैग के माध्यम से स्वचालित रूप से काटा जाएगा।
पार्किंग शुल्क का संग्रह चारपहिया वाहनों के लिए फास्टैग का उपयोग करके किया जाएगा और दोपहिया वाहनों के लिए क्यूआर कोड या यूपीआई आधारित भुगतान की सुविधा होगी। फास्टैग स्कैन करने के लिए पार्किंग स्थलों के प्रवेश और निकास द्वार पर सेंसर लगाए जाएंगे, जिससे पार्किंग शुल्क संग्रह की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
इन पार्किंग स्थलों में लगेगा फास्टैग सेंसर
इन पार्किंग स्थलों में गाजीपुर, पटपड़गंज, मयूर विहार फेज-1, फेज-2, फेज-3, लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन, विकास मार्ग, मंडावली, नंद नगरी, राजौरी गार्डन, वसुंधरा एन्क्लेव, द्वारका सेक्टर-6 मार्केट, अप्पू घर, संत नगर, बाबरपुर रोड, गीता कॉलोनी, बिहारी कॉलोनी, शशि गार्डन शामिल हैं। इसके अलावा ओखला फेज-3, नेहरू प्लेस, हौज खास, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और कालकाजी में बहुमंजिला पार्किंग में भी फास्टैग से पार्किंग शुल्क का भुगतान होगा। बोली जमा करने की अंतिम तिथि 4 मार्च है।
21 पार्किंग स्थलों पर इसी महीने से सुविधा
निगम के 21 पार्किंग स्थलों पर आरएफआईडी आधारित पार्किंग शुल्क भुगतान की सुविधा इसी महीने शुरू हो जाएगी। स्वचालित प्रणाली से पार्किंग शुल्क का भुगतान होने से लोगों के अलावा पार्किंग एजेंसियों को भी पार्किंग शुल्क एकत्र करने में आसानी होगी। दिल्ली नगर निगम दिल्ली में स्टैक या बहुमंजिला पार्किंग सहित 400 से अधिक पार्किंग साइटों का संचालन कर रहा है।