राउज एवेन्यू कोर्ट ने नजफगढ़ के उप-पंजीयक एएम राव के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में बरी कर दिया है। कोर्ट ने राव को 50 हजार रुपये के निजी मुचलका और एक समान राशि की जमानत भरने का आदेश दिया है।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से नजफगढ़ के उप-पंजीयक एएम राव के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में बरी कर दिया। 28 मार्च को अपने फैसले में विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) हसन अंजार ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि राव ने रिश्वत मांगी और स्वीकार की थी।
अदालत ने राव को 50,000 रुपये का निजी मुचलका और एक समान राशि की जमानत भरने को कहा। मामला 23 सितंबर 2022 को दर्ज किया गया था, जब मैसर्स रवि भार्गव एंड कंपनी के मनोज कुमार ने शिकायत की थी कि राव ने आईआईएफएल होम फाइनेंस लिमिटेड के पक्ष में पंजीकृत एक गिरवी दस्तावेज को जारी करने के लिए 15,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायत के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की और 26 सितंबर 2022 को राव को कथित तौर पर 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
सुनवाई के दौरान मुख्य गवाह मनोज कुमार ने अभियोजन के दावों का समर्थन नहीं किया। कहा कि राव ने उनसे रिश्वत की मांग नहीं की थी। इसके अलावा, ऑडियो रिकॉर्डिंग और अन्य साक्ष्यों में भी रिश्वत की मांग और स्वीकृति का स्पष्ट प्रमाण नहीं मिला।
स्वतंत्र गवाहों की गवाही में भी विरोधाभास पाया गया और फोरेंसिक रिपोर्ट्स पर भी सवाल उठे। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में अभियोजन पक्ष ऐसा कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका। ऐसे में कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए राव को बरी किया।