दिल्ली में पेयजल संकट को देखते हुए दिल्ली सरकार और उपराज्पाल दोनों ने ही पानी की पाईपलाईन की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए है। वहीं एलजी ने सीपी को भी निर्देश दिए हैं।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को टैंकर माफियाओं पर निगरानी करने का निर्देश दिया है। मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मुनक नहर से अवैध रूप से पानी की चोरी हो रही है। यह नहर बवाना के पास दिल्ली में प्रवेश करती है, जहां टैंकरों से पानी उठाकर अवैध रूप से बिक्री की सूचना है। इस बाबत उपराज्यपाल ने पुलिस कमिश्नर को विस्तृत रिपोर्ट राजनिवास को सौंपने का निर्देश दिया है।
उपराज्यपाल महोदय ने इच्छा व्यक्त की है पानी की चोरी को रोकने के लिए इस नहर पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जानी चाहिए। ऐसे लोगों को भी पकड़ा जाना चाहिए जो इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल रहे हैं। ऐसे पानी के माफिया तत्वों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर अनुपालन रिपोर्ट उपराज्यपाल सचिवालय को प्रस्तुत की जाए।
टैंकर माफिया पनप रहे है तो एलजी और सीपी कार्रवाई करें: आप
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि दिल्ली में कानून व्यवस्था बनाए रखना दिल्ली के उपराज्यपाल और पुलिस की जिम्मेदारी है। दिल्ली सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। अगर दिल्ली में ऐसे ”टैंकर माफिया” पनप रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करना उपराज्यपाल की जिम्मेदारी है।
उपराज्यपाल के चहेते मुख्य सचिव और दिल्ली जलबोर्ड के सीईओ का टैंकर माफियाओं के साथ मिलीभगत है। दिल्ली जलबोर्ड (डीजेबी) के टैंकरों की संख्या में कमी ने अवैध निजी टैंकरों के लिए गुंजाइश पैदा कर दी है।
दिल्ली सरकर ने जल संकट को दूर करने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं। हिमाचल प्रदेश से अतिरिक्त पानी हासिल करने के साथ ही पाइपलाइन की निगरानी के लिए एडीएम-एसडीएम अधिकारियों की तैनाती की गई है। पानी के टैंकरों की व्यवस्था और पानी से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए, तहसीलदारों और अन्य अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है। प्रत्येक जोन में ”त्वरित प्रतिक्रिया दल” के रूप में काम करने के लिए अधिकारी तैनात है।
मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को प्राथमिक जल स्रोत से लेकर ट्रीटमेंट प्लांट और प्राथमिक यूजीआर तक मुख्य जल वितरण नेटवर्क की निगरानी के लिए विशेष एडीएम/ एसडीएम टीमों को तैनात करने का निर्देश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रिसाव के कारण पानी बर्बाद न हो।
मंत्री ने प्रत्येक त्वरित प्रतिक्रिया दल द्वारा इस संबंध में किए गए सभी निरीक्षण की दैनिक रिपोर्ट भी ले रही है। पानी के टैंकर वॉर रूम, पानी के टैंकरों के ऑर्डर के लिए एक हेल्पलाइन (1916) और 200 प्रवर्तन टीमों का गठन भी किया गया है। जो पानी की बर्बादी पर नजर रखती हैं। लेकिन इस मुद्दे पर उपराज्यपाल अभी तक निष्क्रिय रहे हैं और किसी भी अन्य भाजपा प्रवक्ता की तरह लोकप्रिय रूप से चुनी गई आप सरकार को निशाना बना रहे हैं। उपराज्यपाल के रूप में अपने कर्तव्यों से ज्यादा बीजेपी प्रवक्ता बने हुए है।