दिल्ली: चिड़ियाघर में आज से खुलेगा रेप्टाइल हाउस, सर्दियों में किया गया था बंद

आज रेप्टाइल हाउस को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। गर्मियों को लेकर वन्यजीवों के खानपान में भी मंगलवार से बदलाव कर रहे हैं। मांसाहारी वन्यजीवों की खुराक में वैज्ञानिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बदलाव कर रहे हैं।

चिड़ियाघर घूमने आने वाले पर्यटक एक अप्रैल से रेप्टाइल हाउस (सरीसृप गृह) का दीदार कर सकेंगे। पिछले वर्ष अक्तूबर से बंद रेप्टाइल हाउस को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। साथ ही चिड़ियाघर में मंगलवार से गर्मियों के मद्देनजर वन्यजीवों के खानपान में बदलाव का कार्यक्रम भी लागू हो जाएगा।

चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने बताया कि रेप्टाइल हाउस को सर्दियों में बंद किया गया था। इसमें पांच प्रजातियों के सांप हैं। इसमें दस अजगर, एक कोबरा, एक वाटर स्नेक, रेड सैंड बोआ और कॉमन सैंड बोआ शामिल हैं। रेप्टाइल हाउस में पर्यटक मॉनिटर लिजार्ड और दो अलग-अलग प्रजाति के कुछए भी देख सकेंगे।

उन्होंने बताया कि गर्मियों को लेकर वन्यजीवों के खानपान में भी मंगलवार से बदलाव कर रहे हैं। बंदर, भालू जैसे दूसरे वन्यजीवों को अभी तक ब्रेड, गाजर, चुकंदर, चीकू दे रहे थे। अब उसकी जगह तरबूज, खरबूजा, बेल, चावल, खीरा दिया जाएगा। गर्मी में पानी की कमी न हो, उसके लिए ग्लूकोज और इलेक्ट्रॉल पाउडर देंगे। मांसाहारी वन्यजीवों की खुराक में वैज्ञानिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बदलाव कर रहे हैं। पहले बाघ और शेर को 12 किलोग्राम मांस दिया जाता था। अब उसे दस किलोग्राम किया जा रहा है।

उनके खाने की क्षमता के आधार पर आगे की खुराक तय होगी। प्रशासन खुद से इसमें कोई कमी नहीं करेगा। इसके लिए वह खाने के दौरान अगर मांस को छोड़ते हैं तो उसके अनुसार खुराक देंगे, जबकि प्रवासी पक्षियों के लिए तालाब में करीब 20 किलोग्राम मछली डाली जाएगी। अभी भी कुछ पक्षी चिड़ियाघर में प्रवास कर रहे हैं। अधिकारी ने यह भी कहा कि गर्मी को लेकर वन्यजीवों के बाड़ों में सभी जरूरी इंतजाम कर लिए हैं। 70 से ज्यादा बाड़ों में वाटर स्प्रिंकलर लगाने का कार्य हो चुका है।

वन्यजीवों को नहलाने के लिए स्प्रे पंप की व्यवस्था की गई है। साथ ही तालाबों में भी पानी भरने का कार्य शुरू कर दिया है। वन्यजीवों के पिंजरों के बाहर 50 से अधिक कूलर लग चुके हैं। हालांकि उन्हें अभी चलाया नहीं जा रहा है। इसके अलावा 150 से ज्यादा पंखे चलना शुरू हो गए हैं। गर्मी में वन्यजीवों की देखरेख के लिए एक विशेष टीम तैनात की है। अधिक गर्मी होने पर अलग-अलग शिफ्ट में बाड़ों में वन्यजीवों को छोड़ेंगे।

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