शिकायत मिलने के बाद एसआई नीतू को निलंबित और अधीनस्थ स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया गया। दक्षिण जिला पुलिस के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
मालवीय नगर थाने में तैनात महिला एसआई नीतू पर घूस लेकर दुष्कर्म के मामले में केस दर्ज नहीं करने का आरोप लगा है। शिकायत मिलने के बाद एसआई नीतू को निलंबित और अधीनस्थ स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया गया। दक्षिण जिला पुलिस के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 12 अप्रैल को मालवीय नगर इलाके में दुष्कर्म की शिकायत मिली थी। प्राथमिक जांच के बाद पुलिस ने संबंधित धारा में केस दर्ज नहीं किया। पीड़िता के परिजनों ने जांच अधिकारी पर लापरवाही बरतने और आरोपी के संपर्क में होने का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की। पड़ताल में आरोप सही पाए जाने पर एसआई से जांच वापस लेते हुए निलंबित कर दिया।
दो लाख की रिश्वत लेता एएसआई गिरफ्तार
विजिलेंस ब्रांच ने दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए मॉडल थाने में तैनात एएसआई सुदेश कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी एएसआई थानाध्यक्ष पवन मीणा के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस के रिटायर इंस्पेक्टर से चार लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे, लेकिन दो लाख ही रिश्वत पर बात बनी।
शुरुआती जांच में थानाध्यक्ष पवन मीणा की रिश्वत लेने में संदिग्ध भूमिका सामने आ रही है। गिरफ्तार एएसआई सुदेश वर्ष 1995 में दिल्ली पुलिस में शामिल हुआ था और वर्तमान में उत्तर-पश्चिम जिले के मॉडल टाउन थाने में बीट अधिकारी के रूप में तैनात है। विजिलेंस ब्रांच के पुलिस उपायुक्त अन्येश रॉय के अनुसार टीम ने मॉडल टाउन थाने के सहायक उपनिरीक्षक, एएसआई सुदेश कुमार यादव को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। वह छत पर मरम्मत कार्य की अनुमति देने के लिए सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर से दो लाख रुपये की रिश्वत ले रहा था। पीडि़त रिटायर इंस्पेक्टर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उनके आवासीय परिसर में मरम्मत कार्य करने की अनुमति के बदले एएसआई सुदेश द्वारा उनसे 4 लाख रुपये की रिश्वत की मांगी थी।
दिल्ली पुलिस की सतर्कता इकाई में 14 अप्रैल को शिकायत प्राप्त हुई। शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उन्होंने अपने आवासीय परिसर में कुछ कार्य शुरू किया तो एएसआई सुदेश और क्षेत्र के अन्य बीट स्टाफ द्वारा उसे रुकवा दिया गया। सेवानिवृत्त निरीक्षक से 4 लाख रुपये की मांग की गई, साथ ही धमकी दी गई कि रिश्वत के पैसे की मांग पूरी होने के बाद ही सिविल कार्य शुरू किया जा सकता है। थानाध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद मामला अंतत: दो लाख रुपये में तय हुआ।
इंस्पेक्टर थाने में गए थे
शिकायतकर्ता ने बताया कि काम बंद होने की शिकायत लेकर वह थाने के एसएचओ से भी मिला था, लेकिन उन्होंने उन्हें एएसआई सुदेश से मिलने के लिए कहा। एएसआई सुदेश ने उसे 14 अप्रैल को रिश्वत के पैसे के साथ बुलाया।
शिकायतकर्ता ने एक पेन ड्राइव भी उपलब्ध कराई, जिसमें बताया कि रिश्वत की मांग के संबंध में पीएस मॉडल टाउन के विभिन्न पुलिस अधिकारियों के साथ उसकी बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग है। बातचीत के बाद उसने शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये की रिश्वत राशि स्वीकार कर ली। उसके बाद उसे रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।