दिल्ली के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले तीसरी से आठवीं कक्षा तक के बच्चे की परीक्षा नहीं होगी। उन्हें ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ के तहत अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जाएगा। वार्षिक परीक्षा के बजाय उनका मूल्यांकन असाइनमेंट व वर्कशीट के आधार पर किया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण एक साल से स्कूल बंद हैं। 2020 में भी इसी आधार पर बच्चों को अगली कक्षाओं में भेजा गया था। शिक्षा निदेशालय ने भी इसके दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।
कोरोना के कारण मार्च 2020 से स्कूल बंद हैं। अप्रैल से स्कूलों में नया सत्र शुरू होता है, ऐसे में इस बार फिर असाइनमेंट के आधार पर ही छात्रों को प्रमोट किया जा रहा है। बच्चों का मूल्यांकन 100 अंकों के आधार पर ही होगा। इसके लिए अंकों की वेटेज भी तय की गई है।
कोरोना के कारण उत्पन्न हालात को देखते हुए वैकल्पिक शिक्षा पद्धति का प्रभाव जानने के लिए ही यह मूल्यांकन किया जा रहा है। इससे निदेशालय को अगले सत्र के लिए रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
सरकारी स्कूल के बच्चों के अंक अपलोड करने के लिए 15 से 25 मार्च तक का समय दिया गया है। सह-शैक्षिक गतिविधियों के लिए स्कूल बच्चों को ग्रेड देंगे। मूल्यांकन के बाद रिजल्ट 31 मार्च को घोषित किए जाएंगे। रिजल्ट जारी करने के लिए बच्चों को स्कूल नहीं बुलाया जाएगा।
तीसरी से पांचवीं तक के बच्चों की वर्कशीट का मूल्यांकन 30 अंकों, शीतकालीन अवकाश के दौरान दिए गए असाइनमेंट का मूल्यांकन 30 अंकों के आधार पर होगा। एक मार्च से 15 मार्च के बीच शिक्षक बच्चों को असाइनमेंट व प्रोजेक्ट देंगे। इनका मूल्यांकन 40 अंकों के आधार पर होगा। वहीं, छठी से आठवीं तक के बच्चों का मूल्यांकन भी 100 अंकों के आधार पर होगा। इसमें वर्कशीट के 20 अंक, शीतकालीन अवकाश के दौरान दिए गए असाइनमेंट के लिए 30 अंक, व एक मार्च से 15 मार्च के बीच दिए जाने वाले असाइनमेंट और प्रोजेक्ट का मूल्यांकन 50 अंकों के आधार पर होगा।