दिल्ली के चर्चित निर्भया कांड के दोषी बिहार के लहंग कर्मा गांव के रहनेवाले अक्षय ठाकुर की पत्नी ने औरंगाबाद परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा के न्यायालय में तलाक की अर्जी दी है और कहा है कि मैं उसकी विधवा के रूप में अपना जीवन नहीं जी सकती।
कहीं ये अक्षय ठाकुर को बचाने की साजिश तो नहीं…
दबी जुबान औरंगाबाद के अधिवक्ताओं का कहना है कि तलाक की यह अर्जी भी कानूनी दांव-पेच का एक हथकंडा ही है। यह अक्षय की फांसी को टलवाने की एक साजिश है। अक्षय की पत्नी, पुनीता के वकील मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि पीडि़त महिला को विधिक अधिकार है कि वह हिंदू विवाह अधिनियम के तहत कुछ खास मामलों में तलाक ले सकती है। उसमें दुष्कर्म का मामला भी शामिल है। अगर दुष्कर्म के मामले में किसी महिला के पति को दोषी ठहरा दिया जाता है, तो वह तलाक के लिए अर्जी दायर कर सकती है।
अक्षय ठाकुर की पत्नी ने कहा-उसकी विधवा बनकर नहीं रह सकती
अक्षय की पत्नी पुनीता ने कोर्ट में दी गई अपनी अर्जी में कहा है कि उनके पति को निर्भया के दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराया गया है और उन्हें कोर्ट के फैसले के बाद अब फांसी दी जानी है। अक्षय ठाकुर की पत्नी का कहना है कि मेरे पति निर्दोष हैं, ऐसे में मैं उनकी विधवा बन कर नहीं रहना चाहती। इसलिए उसे अपने पति से तलाक चाहिए।

बता दें कि इस मामले में 19 मार्च को सुनवाई की तिथि तय की गयी है और फिर बीस मार्च को सभी आरोपियों को फांसी दी जानी है।
वकील ने कहा-पत्नी का ये अधिकार बनता है
वहीं, अक्षय ठाकुर की पत्नी के अधिवक्ता मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित महिला को विधिक अधिकार है कि वह हिंदू विवाह अधिनियम 13(2)(II) के तहत कुछ खास मामलों में वो तलाक का अधिकार पा सकती है।इसमें दुष्कर्म का मामला भी शामिल है।
कानून के मुताबिक अगर दुष्कर्म के मामले में किसी महिला के पति को दोषी ठहरा दिया जाता है, तो वह तलाक के लिए अर्जी दे सकती है। ज्ञात हो कि निर्भया कांड में जिन चार आरोपितों को फांसी की सजा सुनायी गयी है, उनमें लहंग कर्मा का अक्षय ठाकुर भी शामिल है।
तीन दोषियों ने अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है
गौरतलब है कि निर्भया के चार दोषियों में से तीन अक्षय सिंह, पवन गुप्ता, और विनय शर्मा ने अब अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) का दरवाजा खटखटाया है और इस मामले में दोषियों के वकील एपी सिंह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अदालत को पत्र लिखा है। पत्र में 20 मार्च की होने वाली फांसी पर रोक लगाने की भी मांग की गई है। साथ ही मांग की है कि निचली अदालत के सभी रिकॉर्ड अदालत अपने पास मंगाए ताकि वो अपना पक्ष अंतरराष्ट्रीय अदालत में रख सकें।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal