निर्भया के हत्यारों ने 20 मार्च को होने वाली फांसी से बचने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में एक नई अर्ज़ी लगाई है. पटियाला हाउस कोर्ट निर्भया के हत्यारों की नई अर्जी पर कल यानी 19 मार्च दोपहर 12:00 बजे सुनवाई करेगा. अर्जी में मांग की गई है कि निर्भया के हत्यारों को 20 मार्च को होने वाली फांसी पर रोक लगाई जाए.
पटियाला हाउस कोर्ट में दायर अर्जी में कहा गया है की निर्भया के हत्यारे पवन, विनय और अक्षय की दूसरी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है.
इसके साथ ही अक्षय की पत्नी ने उससे तलाक की अर्जी भी लगा रखी है बिहार की एक अदालत में जिस पर सुनवाई लंबित है. लिहाज़ा जब तक इन याचिकाओं पर सुनवाई नहीं हो जाती तब तक फांसी की सजा नहीं होनी चाहिए.
कानून के मुताबिक अगर किसी भी दोषी की कोई भी याचिका किसी भी अदालत में लंबित है और वह वैध याचिका है तो ऐसे में दोषी को तब तक फांसी के फंदे पर नहीं लगता जा सकता जब तक उस याचिका का निस्तारण ना हो जाए.
इससे पहले भी निर्भया के हत्यारे इसी तरीके से कोई ना कोई याचिका लगाकर अदालत में यह दलील देते रहे हैं कि उनकी याचिका अभी लंबित है लिहाजा फांसी ना दी जाए.
यह निर्भया के हत्यारों के खिलाफ जारी किया गया चौथा डेथ वारंट है. इससे पहले भी अदालत निर्भया के दोषियों के खिलाफ 3 डेथ वारंट जारी कर चुकी थी लेकिन उन तीनों ही डेथ वारंट पर किसी न किसी वजह से रोक लग गई थी.
जिसके बाद अदालत ने 5 मार्च को यह चौथा टेस्ट वारंट जारी किया है और इसके तहत निर्भया के हत्यारों को 20 मार्च सुबह 5:30 बजे होनी है फांसी.
वैसे इससे पहले निर्भया के चारों हत्यारों की दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं. ऐसे में कानून के जानकारों के मुताबिक एक दया याचिका खारिज हो जाने के बाद दूसरी दया याचिका लगाने का कोई प्रावधान तो नहीं है लेकिन निर्भया के हत्यारे हर संभव कोशिश कर रहे हैं जिससे कि उनकी फांसी टल जाए.
ऐसे में देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट निर्भया के हत्यारे अक्षय की पत्नी की याचिका को लंबित मानकर 20 मार्च को होने वाली इस फांसी को टालेगी.
हालांकि अदालत के सामने भी यह एक बार नहीं बल्कि कई बार साफ हो चुका है कि निर्भया के हत्यारे फांसी टलवाने के लिए इस तरह की याचिकाएं अलग-अलग अदालतों में लगातार कर रहे हैं और मकसद साफ है कि जितना लंबा हो सके फांसी को टाला जा सके.