किटी पार्टी के जरिये गृहिणियों और कारोबारी महिलाओं से संपर्क कर उनसे करोड़ों रुपये की ठगी करने का मामला द्वाराका से सामने आया है। द्वारका की रहने वाली एक महिला जालसाज ने पीड़िताओं को अपने पति की निवेश योजनाओं में शामिल कर ठगी को अंजाम दिया। उसने निवेश पर 18 से 20 फीसदी मुनाफा देने का झांसा दिया। पैसे वापस मांगने पर बहाना बनाने के बाद उसने इन्कार कर दिया की उसने कभी पैसे लिए ही नहीं। उसके बाद पीड़िताओं ने आर्थिक अपराध शाखा में इसकी शिकायत की। पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर लिया है और मामले की छानबीन कर रही है।
द्वारका सेक्टर-22 की रहने वाली डिंपी चौधरी ने आरोप लगाया है कि द्वारका की रहने वाली शिल्पी गुप्ता और उसके पति पंकज गुप्ता ने उनसे 17.20 लाख की ठगी की है। साथ ही अन्य महिलाओं से भी लाखों की ठगी की गई है। उन्होंने बताया कि आरोपी महिला आस पास की महिलाओं के लिए किटी पार्टियों का आयोजन करती थी, जिसमें वह बताती थी कि उसके और उसके पति के पास कई निवेश योजनाएं हैं। इनमें निवेश करने पर उन्हें 18 से 20 फीसदी का उच्च रिटर्न दिया जाएगा। किटी के दौरान वह लंच पार्टी और तंबोला का आयोजन करती थी। अधिक से अधिक महिलाओं से संपर्क करने के लिए उपहार भी बांटती थी। अच्छे रिटर्न की चाहत में कई महिलाओं ने योजनाओं में लाखों रुपये निवेश किए।
शिकायत के मुताबिक आरोपी महिला ने पीड़िताओं से किश्तों में भुगतान करवाया। महिलाओं ने ऑनलाइन माध्यम से निवेश किया। आरोपी शिल्पा ने कोई रसीद नहीं दी। शुरू में महिला जालसाज ने कुछ मामूली रिटर्न दिए, फिर उसने अच्छे रिटर्न देने की बात कहकर महिलाओं से बड़ी रकम का निवेश करवाया। कोविड के दौरान कुछ शिकायतकर्ताओं ने किश्त भुगतान करने में असमर्थता जताई, लेकिन आरोपी ने रुपये वापस नहीं करने की धमकी देकर उनसे पैसे ले लिए। महामारी कम होने के बाद शिकायतकर्ताओं ने अपने पैसे वापस मांगे। उसके बाद से आरोपी महिला ने शिकायतकर्ताओं के फोन को उठाना बंद कर दिया। उनके घर जाने पर आरोपी महिला ने उन्हें धमकाया और इन्कार कर दिया कि कभी पैसे लिए ही नहीं। साथ ही उनपर मामला दर्ज करने की धमकी दी। ठगी का अहसास होने पर शिकायतकर्ता ने द्वारका सेक्टर-23 थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत की।
23 महिलाओं ने की शिकायत
दो दर्जन महिलाओं से करीब दो करोड़ की ठगी होने की वजह से मामला आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दिया गया। 30 मई को शिकायतकर्ता के बयान पर शाखा में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक 23 महिलाओं की ओर से शिकायत मिली है, जिसमें दो करोड़ रुपये की ठगी की बात सामने आई है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
डॉक्टर बनकर 100 से ठगी
डॉक्टर बनकर 100 से अधिक दुकानदारों और कारोबारियों को ठगने वाले जालसाज को महरौली थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान पर्यावरण कांप्लेक्स निवासी मिर्जा शीराज अली बैग (38) के रूप में हुई है। आरोपी ने हाल ही में छतरपुर के दो दुकानदारों से ढाई लाख रुपये के दो मोबाइल ठग लिए थे। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को दबोच लिया। आरोपी ग्रेजुएट है और खुद को बड़े निजी अस्पताल का डॉक्टर बताकर लोगों को झांसे में लेता था। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर 1.35 लाख रुपये का मोबाइल बरामद किया है।
दक्षिण जिला के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अचिन गर्ग ने बताया कि गांव सतबड़ी निवासी दुकानदार ने ठगी की शिकायत महरौली थाना पुलिस को दी थी। उसकी दुकान पर डॉक्टर का कोट पहनकर एक युवक आया और खुद को नामी अस्पताल का डॉक्टर बताया। उसने आईफोन खरीदने की इच्छा जताई। मोबाइल लेने के बाद आरोपी ने एनईएफटी पेमेंट की और स्क्रीन शाॅर्ट पीड़ित को दिखाकर चलता बना। बाद में पीड़ित को पता चला कि उसके खाते में कोई रकम नहीं आई है।
ठगी का मामला दर्ज कर महरौली थाना पुलिस ने मामले की पड़ताल की। जांच में पता चला कि छतरपुर में ही इसी तरह मोबाइल ठगी की एक और वारदात हुई है। आरोपी ने चेक देकर ठगी की थी। सीसीटीवी फुटेज से पता चली कि दोनों वारदात में एक ही व्यक्ति शामिल है। पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपी की लोकेशन का पता किया तो वह नई दिल्ली एरिया की मिली। बाद में आरोपी को दबोच लिया गया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने दोनों मोबाइल एक कंपनी को 1.60 लाख रुपये में बेच दिए हैं। पुलिस ने एक मोबाइल बरामद कर लिया, जबकि दूसरे को कंपनी ने बेच दिया था। पुलिस उसे बरामद करने का प्रयास कर रही है।