दिल्ली सरकार की ओर से सड़कों पर उतारी गई निजी इलेक्ट्रिक बसों के चालक व परिचालक अब ट्रिप मिस नहीं कर सकेंगे। न ही ट्रिप बढ़ा सकेंगे और न ही फर्जी ट्रिप बिल बना सकेंगे। इसके लिए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने बड़ा कदम उठापा है। इलेक्ट्रिक बसों पर निगरानी रखने के लिए दिल्ली परिवहन संचालन पोर्टल बनाया है।
इस पोर्टल का पाॅयलेट प्रोजेक्ट के तौर पर ट्रायल शुरू कर दिया गया है। डीटीसी के एक अधिकारी ने बताया इस पोर्टल से काफी सफलता मिल रही है। उन्होंने बताया कि सफल हो रहे इस पोर्टल का एक अक्टूबर को औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा। इससे बसों के बिजनेस नियमों का पता लग सकेगा।
दिल्ली सरकार की ओर से करीब 2000 इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी गई हैं। टाटा व जेबीएम कंपनी की बसें है। सरकार की ओर से इन बसों को प्रति किलोमीटर के हिसाब से पेमेंट की जाएगी। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पोर्टल से चालक व परिचालक अपनी मनमर्जी नहीं कर सकेंगे। इससे यह भी देखा जा सकेगा कि चालक बस का ट्रिप तो मिस नहीं कर रहे।
हालांकि, जब इन बसों को टेंडर हुआ था तभी पोर्टल प्रक्रिया भी शामिल थी। हालांकि, अधिकारी ने बताया कि अभी इलेक्ट्रिक बसों को लेकर किसी तरह की शिकायत सामने नहीं आई हैं। डीटीसी अधिकारी ने बताया कि दिल्ली की जनता को किसी तरह की परेशानी हो इसे देखते हुए दिल्ली सरकार के आदेश के बाद ये कदम उठाया गया है।
इलेक्ट्रिक बसों की खासियत—
ई-बसों से प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है
एक बार चार्ज करने के बाद ये बसें 225 किलोमीटर तक चल सकती हैं
सभी बसें वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम से लैस हैं
दिव्यांग जनों के लिए फोल्डेबल रैंप है, जिससे उन्हें बस में चढ़ने में सहूलियत मिलती है
यात्रियों का बस में चढ़ना-उतरना काफी आसान है
सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे, हूटर के साथ पैनिक बटन और आपातकालीन स्थिति में लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग की सुविधा
कंट्रोल रूम के साथ दो-तरफा संचार की सुविधा
बस की लाइव ट्रैकिंग के लिए जीपीएस यूनिट है
रियर इंजन के साथ पूरी तरह से स्वचालित ट्रांसमिशन
डिस्क ब्रेक
आग का पता लगाने और सप्रेशन सिस्टम की व्यवस्था
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